मैग्सेसे अवार्ड विजेता डॉ. संदीप पाण्डेय विवि से बर्खास्त

sandeep

लखनऊ। विवाद और आरोपों से घिरे आईआईटी बीएचयू के असिस्टेंट प्रोफेसर और मैग्सेसे अवार्ड विजेता डॉ. संदीप पाण्डेय को विश्वविद्यालय से बर्खास्त कर दिया गया है। कुछ छात्रों ने लिखित शिकायत किया था कि संदीप पांडेय परिसर में धरना प्रदर्शन और तमाम राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल हैं। बता दें कि कुछ महीने पहले संदीप पांडेय ने प्रतिबंधित निर्भया रेप कांड की डाक्यूमेंट्री चलवाने की घोषणा की थी, जिसकी शिकायत करने पर डायरेक्टर ने उस पर रोक लगाया था और उनको हिदायत भी दिया था कि इस तरह की गतिविधियों से दूर रहे। सूत्रों के मुताबिक प्रो. पाण्डेय को आईआईटी के बोर्ड ऑफ गवर्नेंस ने उनके खिलाफ यह कार्रवाई की है। वह पिछले ढाई साल से बतौर गेस्ट फेकल्टी छात्रों को पढ़ा रहे थे। चन्द महीनों पहले कुछ छात्रों ने लिखित तौर पर कुलपति और डायरेक्टर को लिखित तौर पर शिकायत कर आरोप लगाया था कि प्रो. पांडेय कैम्पस में राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल है। जानकारी के मुताबिक एक जनवरी के पूर्व हुई बोर्ड ऑफ गर्वनेंस की बैठक में ये निर्णय लिया गया है। बैठक के बाद संदीप पांडेय को नोटिस दे दी गयी थी और मिली सूचना के मुताबिक मंगलवार को उनको बर्खास्त कर दिया गया है। हालांकि इस बाबत आईआईटी के रजिस्टार प्रो. एसपी माथुर से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अभी वे कुछ भी नहीं बता सकते। आईआईटी के प्रोफेसर और छात्रों के बीच इसको लेकर चर्चा जोरो पर है कि उन्हें बर्खास्त कर दिया गया है।
बताते चलें कि संदीप पांडेय कि नियुक्ति को लेकर दो गुट बने हुए थे। एक गुट शुरु से ही संदीप के खिलाफ था लेकिन बताया जाता है कि उनपर चूकि डायरेक्टर प्रो. राजीव संगल का हाथ था। इसके चलते विरोधी उनका खुला विरोध नहीं करते थे। एक ओर डिपार्टमेंट के शिक्षकों संदीप पाण्डेय को लेकर दो गुटों में बंटे थे तो छात्रों में भी दो गुट था। एक गुट का उन्हें जबरदस्त समर्थन था। उसी समर्थन की बिना पर परिसर में पढ़ाई के अलावा तमाम तरह की गतिविधियां शुरू की थीं।