मोदी का हमला: विपक्षियों ने केवल भरी तिजोरी

गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में राजद सहित विपक्ष पर शुक्रवार को आरोप लगाया कि राज्य के विकास की हर योजना को अटकाने वाले विपक्ष ने अपने 15 साल के शासन में बिहार को लगातार लूटा और सत्ता को अपनी तिजोरी भरने का माध्यम बनाया।
उन्होंने कहा कि बिहार की जनता भ्रम में नहीं है और उसने आत्मनिर्भरता के लिये नीतीश कुमार के नेतृत्व में राजग सरकार बनाने का मन बना लिया है।
प्रधानमंत्री ने बिहार में चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार के लोगों ने मन बना लिया है, ठान लिया है कि जिनका इतिहास बिहार को बीमारू बनाने का है, उन्हें आसपास भी नहीं फटकने देंगे।’’
मोदी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ मंच साझा करते हुए आरोप लगाया कि जब बिहार के लोगों ने इन्हें (विपक्ष को) सत्ता से बेदखल कर दिया और नीतीश कुमार को मौका दिया तो ये बौखला गए और इसके बाद 10 साल तक इन लोगों ने संप्रग सरकार में रहते हुए बिहार पर, बिहार के लोगों पर अपना गुस्सा निकाला।उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि इन लोगों को आपकी जरूरतों से कभी सरोकार नहीं रहा और इनका ध्यान अपने स्वार्थों एवं अपनी तिजोरी पर रहा है।उन्होंने कहा कि यही कारण है कि भोजपुर सहित पूरे बिहार में लंबे समय तक बिजली, सडक़, पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं का विकास नहीं हो पाया।मोदी ने कहा, ‘‘राजग के विरोध में इन लोगों ने मिलकर जो ‘पिटारा’ बनाया है, जिसे ये लोग महागठबंधन कहते हैं, उसकी रग-रग से बिहार के लोग वाकिफ हैं।’’उन्होंने कहा, ‘‘जो लोग नक्सलियों को, हिंसक गतिविधियों को खुली छूट देते रहे, आज वे राजग के विरोध में खड़े हैं।’’मोदी ने कहा, ‘‘आज राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सभी दल मिलकर आत्मनिर्भर एवं आत्मविश्वासी बिहार के निर्माण में जुटे हैं। बिहार को अब भी विकास के सफर में मीलों आगे जाना है। नई बुलंदी की तरफ उड़ान भरनी है।’’प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान बिहार के लोगों को पूर्ववर्ती राजद सरकार के काल की कानून एवं व्यवस्था की स्थिति का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘आज बिहार में पीढ़ी भले बदल गई हो, लेकिन बिहार के नौजवानों को यह याद रखना है कि बिहार को इतनी मुश्किलों में डालने वाले कौन थे?’’लालू प्रसाद का नाम लिये बिना प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि 1990 के दशक में बिहार के लोगों का अहित किया गया, बिहार को अराजकता और अव्यवस्था के किस दलदल में धकेल दिया…. उसे आप में से अधिकांश लोगों ने अनुभव किया है।उन्होंने कहा, ‘‘आज भी बिहार की अनेक समस्याओं की जड़ में 90 के दशक की अव्यवस्था और कुशासन है।’’उन्होंने कहा कि बिहार के लोग वे दिन भूल नहीं सकते, जब सूरज ढलते का मतलब होता था, सब कुछ बंद हो जाना, ठप पड़ जाना।