यूपी में शुरू होगी नर्सों की भर्ती: सीएम अखिलेश का एलान

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लखनऊ। यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में स्टाफ नर्सों की कमी को दूर करने के लिए शीघ्र भर्ती की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए है। उन्होंने अस्पतालों में बेहतर साफ-सफाई की व्यवस्था पर जोर देते हुए दवाईयों की उपलब्धता तथा डॉक्टरों की समय से मौजूदगी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। उन्होंने डेंगू के रोगियों की समय से जांच और उपचार करने तथा इस रोग से बचाव के प्रति आम जनता में जागरूकता लाने के भी निर्देश दिए है। मुख्यमंत्री आज यहां चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की उच्च स्तरीय समीक्षा कर रहे थे। इस दौरान प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अरविन्द कुमार सहित विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। श्री यादव ने लम्बे समय से नर्सों की भर्ती बन्द किए जाने के मामले को गम्भीरता से लेते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि पैरामेडिकल स्टाफ की कमी के कारण स्वास्थ्य सेवाओं पर विपरीत असर पड़ता है। इसलिए भर्ती की कारवाई तत्काल शुरू की जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सरकारी अस्पतालों में दवाओं से लेकर सभी तरह की जांच नि:शुल्क कर दी है। इसका लाभ गरीबों तथा पीडि़तों को दिलाना चिकित्सकों की जिम्मेदारी है, इसमें किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि जो चिकित्सक तथा अन्य स्टाफ समय से अस्पताल में उपस्थित नहीं होंगे, उनके खिलाफ कड़ी कारवाई की जाएगी।
श्री यादव ने कहा कि जहां भी नए ट्रॉमा सेन्टर बनकर तैयार है उनको चालू किया जाना चाहिए, जिससे दुर्घटना समेत सभी प्रकार की आकस्मिकता में मरीजों को इसका लाभ मिल सके। उन्होंने अन्य निर्माणाधीन भवनों को गुणवत्ता के साथ समय से पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) में सभी डॉक्टरों की समय से उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि ओपीडी के दौरान किसी प्रकार की बैठक न रखी जाएं, ताकि रोगियों को डॉक्टरों की अनुपस्थिति में निराश न होना पड़े।
मुख्यमंत्री ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सभी नोडल अधिकारियों को आगामी 15 दिनों में अपने आवंटित जनपदों के सरकारी अस्पतालों का औचक निरीक्षण करने के निर्देश देते हुए कहा कि आकस्मिक निरीक्षण की रिपोर्ट के साथ उसकी फोटोग्राफ भी प्रस्तुत की जाए। उन्होंने कहा कि संक्रामक रोगों की रोकथाम हेतु समय से छिड़काव सुनिश्चित किया जाना चाहिए, इसके साथ ही मच्छर जनित बीमारियों से बचाव के लिए लोगों में जागरूकता लाने के लिए समय-समय पर विशेष अभियान भी चलाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के लिए राज्य सरकार के पास धन की कोई कमी नहीं है, लेकिन स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ जरूरतमंदों को प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित किया जाना चाहिए।