यूपी में संजय जोशी को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज

sunjay joshiलखनऊ। भाजपा के पूर्व महासचिव संजय जोशी की भाजपा में वापसी की अटकलें एक बार फिर तेज हो गई है। जोशी को लेकर संघ और भाजपा के संगाठनात्मक मामलों के प्रमुख नेताओं के बीच एक चक्र चर्चा हो चुकी है। संघ ने देश के अलग-अलग हिस्सों में संघ और भाजपा द्वारा कार्यक्रम आयोजित कर जोशी को प्रमुख के रूप शामिल होने को कहा है। जोशी को आगे करके ये संकेत दिए जा रहे हैं कि संघ और भाजपा के पुराने नेताओं का पार्टी में फिर से समायोजन किया जा रहा है। मालूम हो कि जोशी को पीएम मोदी का धुर विरोधी भी माना जाता है।
इसी क्रम में जोशी मंगलवार (12 जनवरी) को लखनऊ आ रहे हैं। वे यहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा की ओर से स्वामी विवेकानंद की जयंती पर आयोजित एक सेमिनार में मुख्य अतिथि होंगे। इस कार्यक्रम को लेकर आयोजनकर्ताओं ने पूरे शहर में बैनर लगवाए हैं, उस पर लिखा है, मुश्किलों में भाग जाना आसान होता है हर पल जिंदगी का इम्तहिान होता है। डरने वाले को कुछ नहीं मिलता जिंदगी में और लडऩे वालों के कदमों में जहान होता है। बता दें कि जोशी के समर्थकों द्वारा इस तरह के होर्डिंग पहले भी लखनऊ, भोपाल और दिल्ली में लगाए जा चुके हैं। इस संबंध में? संघ के संपर्क प्रमुख अमर नाथ ने बताया कि जोशी को बतौर आरएसएस कार्यकर्ता निमंत्रण भेजा गया है। यह कार्यक्रम राजनीतिक नहीं है। ये बात किसी से छुपी नहीं है कि संजय जोशी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक दूसरे के कट्टर विरोधी माने जाते हैं। मोदी का पार्टी में कद बढऩे के बाद जोशी पूरी तरह हाशिए पर ढकेल दिया गया था। लेकिन जोशी ने कभी भी मोदी और पार्टी के खिलाफ कोई कड़ी टिप्पणी नहीं की, बल्कि मोदी के समर्थन में स्वच्छता और गंगा सफाई अभियान में उनके काम का स्वागत किया।