योगी कैबिनेट की बैठक: 9 प्रस्तावों पर मुहर

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट बैठक में सबसे पहले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद एक शोक प्रस्ताव पढ़ा गया। दो मिनट का मौन रखा गया।
अटल बिहारी वाजपेयी की जन्मभूमि और कर्मभूमि यूपी रहा है इसलिए मौन रखा गया। आज की बैठक में नौ प्रस्तावों को हरी झंडी दी गई।
सबसे महत्वपूर्ण फैसला अग्रिम जमानत के लिए हुआ। अब हाईकोर्ट से नहीं लोवर कोर्ट से अग्रिम जमानत मिल जाएगी। आपात काल के दौरान यह व्यवस्था यूपी और उत्तराखंड में बंद कर दी गई थी।
सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने बताया कि दंड प्रक्रिया संहिता संशोधन 1976 में अग्रिम जमानत की व्यवस्था खत्म कर दी गई थी। अभियुक्त का अग्रिम जमानत के लिए अब मौजूद रहना आवश्यक नहीं है। आवेदक किसी पुलिस अधिकारी के समक्ष पूछताछ के लिए जरूरत पडऩे पर मौजूद रहेगा। आवेदक धमकी नहीं देगा। आवेदक बिना अनुमति के भारत नहीं छोड़ेगा। गंभीर अपराधों में और औषधि अधिनियम, शासकीय अधिनियम, समाज विरोधी अपराध पर कोई जमानत नहीं मिलेगी। गैंगस्टर एक्ट और उन मामलों में जिनमें मृत्यु दंड दिया जाना है उसमें भी अग्रिम जमानत नहीं मिलेगी। सरकार को सुनने के बाद 30 दिन के भीतर अग्रिम जमानत के मामले पर कोर्ट को फैसला करना होगा।
प्रवक्ता ने बताया कि 438 सीआरपीसी को नए तरीके से संशोधित किया गया है। 2006 में एक पिटीशन में कहा गया था कि इसे रिप्रडू्यस करना चाहिए। प्रमुख सचिव गृह की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने ड्राफ्ट रखा था। कहा गया था कि अग्रिम जमानत का बोझ हाईकोर्ट पर बढ़ रहा था। अब इससे हाई कोर्ट को राहत मिलेगी और लोगों को भी भटकना नहीं होगा। एससी एसटीएक्ट इसमें शामिल नहीं होगा।