राज्यों के परिणाम देख मौलाना बुखारी हुए सक्रिय, उप्र की सपा सरकार पर बनाया दबाव

Mulayam and bukhariलखनऊ मई। पांच राज्यों के भाजपा के लिए उत्साहजन परिणाम को देखते हुए उप्र में दिल्ली जामा मस्जिद के शाही इमाम मौलाना अहमद बुखारी सक्रिय हो गए है। मौलाना 24 मई को लखनऊ में उलमा व मुस्लिम बुद्धिजीवियों का सम्मेलन का भी प्रस्ताव है। उससे पहले ही आज लखनऊ में वह मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बाद सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की। मुलाकात के पीछे सपा की घोषित राज्यसभा सूची में मुस्लिम का न होना भी है।
मुलाकात के एजेंडे पर मौलाना बुखारी ने बताया कि उन्होंने मुलायम सिंह यादव से साफ कहा कि सपा ने अपने घोषणा पत्र में जो वादे किये थे वह कहां तक पूरे हुए हैं इसकी जानकारी अवाम तक पहुंचायी जानी चाहिए। इस बाबत पार्टी नेतृत्व ने तीन महीने का वक्त मांगा था और वे गुजर चुके हैं। अब तो प्रदेश सरकार को बताना ही होगा कि उसने राज्य के मुसलमानों के हित में क्या-क्या काम किये हैं।
मौलाना बुखारी ने कहा कि सपा सरकार से मुसलमानों की शिकायतें तो बहुत सारी हैं। सारे सवालों के जवाब तो प्रदेश सरकार को देने ही होंगे। उन्होंने कहा कि गाजियाबाद के डासना मसूरी में जिन छह सात बच्चों को गोली मारी दी गयी थी अब उन बच्चों के परिजनों को ही नोटिस भेजे जा रहे हैं, उन्हें परेशान किया जा रहा है। इसी तरह हाल ही में आजमगढ़ में जो बवाल हुआ, उसमें जिला प्रशासन का रवैया बहुत ही खराब रहा।
मौलाना बुखारी ने 20 फरवरी को लखनऊ में विचार गोष्ठी की थी और 21 को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिलकर उन्हें एक ज्ञापन सौंपा था, जिसमें अल्पसंख्यकों को नौकरियों में आरक्षण, अदालतों से निर्दोष साबित हुए मुस्लिम युवकों के पुनर्वास, कब्रिस्तानों की बाउंड्री, दंगों के लिए दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। माना जा रहा है कि मौलाना बुखारी कौम के नाम पर किसी को राज्यसभा में भेजना चाहते हैं। बीते दो दिन से उन्होंने सपा के मुखिया पर दबाव बना रखा था। उप्र में मुस्लिम मतदाताओं की आबादी 18.5 प्रतिशत है।
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