रामचरित मानस धर्म ग्रन्थ ही बल्कि जीने की कला सिखाता है: सुरभि रंजन

surabhi ranjan

लखनऊ। आकांक्षा समिति की प्रदेश अध्यक्षा एवं समाज सेविका सुरभि रंजन ने कहा कि रामचरित मानस को सुनना बड़ी बात नहीं उनकी कथा के आदर्शो को जीवन में उतार कर समाजसेवा में प्रत्येक मनुष्य को अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए और जिसने कथा के आदर्शो को अपने जीवन में उतार लिया उसने अपना जीवन सफल बना लिया। उन्होंने कहा कि श्री रामचरित मानस मात्र एक धर्म ग्रन्थ नही है अपितु जीवन जीने की कला को सिखाता है। उन्होंने कहा कि भगवान राम का जीवन स्वयं मेें त्याग और सेवा की प्रेरणा देता है। सुरभि ने कहा प्रभु कर्म की प्रधानता रखने वालों की सदैव रक्षा करते है। उन्होंने कहा कि कथा एवं धार्मिक आयोजनों से जुडऩे के बाद व्यक्ति के आचरण एवं जीवन में परिवर्तन आता है और इन शान्तिपूर्ण परिर्वतनों से समाज में समरसता पैदा होती है।