राम मंदिर को लेकर संतों में जारी है खींचतान

अयोध्या। राम जन्मभूमि विवाद का फैसला भले ही सुप्रीम कोर्ट ने कर दिया है लेकिन मंदिर निर्माण को लेकर संतों में जोर-आजमाइश शुरू हो गई है। इस खींचतान का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सुप्रीम कोर्ट ने 9 फरवरी तक ट्रस्ट गठित करने को कहा है, लेकिन ट्रस्ट गठन से पहले ही चार संस्थाओं ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर मंदिर निर्माण का जिम्मा देने का अनुरोध किया है।
इन चार संस्थाओं में महंत नृत्यगोपाल दास की अध्यक्षता वाले राममंदिर न्यास, अयोध्या श्रीरामजन्मभूमि रामालय न्यास, इस्कॉन और बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष किशोर कुणाल की संस्था शामिल है। चारों का दावा है कि मंदिर निर्माण का जिम्मा उन्हें मिलना चाहिए। रामजन्मभूमि न्यास के लिए विश्व हिन्दू परिषद पूरी ताकत से पैरवी कर रहा है।
विहिप का कहना है कि मंदिर के लिए जिन लोगों ने संघर्ष किया, उनकी भावनाओं का ख्याल रखा जाना चाहिए। जो मॉडल 30 साल से लोगों के बीच रखा जा रहा है, उसी के अनुरूप और जो पत्थर तराशे गए व जो चंदा हिन्दू जनमानस से एकत्र किया गया, उसका इस्तेमाल करते हुए जन्मभूमि पर रामलला का भव्य मंदिर बनना चाहिए। वहीं श्रीरामजन्मभूमि रामालय ट्रस्ट का पक्ष शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती पूरी मजबूती से रख रहे हैं। इस खींचतान का नतीजा चाहे जो हो लेकिन एक बात तो तय है, जिसे अविमुक्तेश्वरानंद ने भी स्पष्ट कर दिया है, कि मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी का मामला भी भविष्य में कोर्ट जाएगा।