लखनऊ में इमामबाड़ा सिब्तैनाबाद का गेट गिरा

लखनऊ। एतिहासिक इमारतों में शुमार हजरतगंज स्थित इमामबाड़ा सिब्तैनाबाद का सडक़ स्थित मुख्य गेट बुधवार दोपहर अचानक भरभरा कर गिर गया। मुताव्वली मोहम्मद हैदर ने बताया इमामबाड़े के गेट पर अवैध कब्जे थे। एक निजी होटल ने अपना किचन बना रखा था। इसकी सुरक्षा के लिए नगर निगम, एलडीए व एएसआई को कई बार पत्र लिखा गया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। जिसके चलते एतिहासिक इमारत का गेट गिर गया। मोहम्मद हैदर ने बताया कि होटल के ऊपर हजरतगंज थाने में वक्फ बोर्ड की ओर से मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
हजरतगंज स्थित इमामबाड़ा सिब्तैनाबाद निमार्ण सन 1847 में नवाब वाजिद अली शाह ने कराया था। इस एतिहासिक इमारत की देखभाल की जिम्मेदारी राज्य पुरातत्व सर्वेक्षण के पास है। मुताव्वली अधिवक्ता मोहम्मद हैदर ने बताया कि इमामबाड़े के दो गेट है। एक हजरतगंज की मुख्य सडक़ पर है जबकि दूसरा उसके पीछे बना हुआ है। मोहम्मद हैदर ने बताया कि शुरूआत में एएसआई इस गेट को अपना नहीं मानता था लेकिन बाद में यह गेट में एएसआई में शामिल हो गया। एतिहासिक गेट के अंदर कई लोगों ने कब्जा जमा रखा है। इसमें शहर के एक नामी होटल ने गेट के नीचे अपना किचन बना रखा है। जहां पर दिन भर सिलेंडर पर दिन भर खाना पकता है।
उन्होंने बताया कि मरम्मत न होने से और किचन की गर्मी की वजह से गेट पर खतरा मंडरा रहा था। इसे देखते हुए 100 से अधिक पत्र एएसआई, नगर निगम व एलडीए को लिखे गए हैं। इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने बताया कि होटल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।