विवादास्पद श्रम सुधार को प्रसीडेंट ने किया मंजूर

pranav mukh
नई दिल्ली। गुजरात के श्रम सुधार विधेयक को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कुछ विवादास्पद प्रावधानों के साथ मंजूरी दे दी है। इसमें कर्मचारी और प्रबंधन के बीच समझौते का फार्मूला भी शामिल है। नए कदमों में सरकार को हर्जाना भी देना होगा। गुजरात सरकार के संसदीय सचिव सीजे गोथी ने बुधवार को बताया कि श्रम कानून (गुजरात संशोधन) विधेयक, 2015 पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की मंजूरी मिल गई है। इसके तहत अपराधों पर समझौते का भी प्रावधान है। जिसमें औद्योगिक क्षेत्र का कर्मचारी अदालत जाए बगैर अपने नियोक्ता से समझौता कर सकता है। इसके अलावा, इस विधेयक में विभिन्न श्रम कानूनों में कुल 14 संशोधनों का प्रस्ताव है। उन्होंने बताया कि इस विधेयक पर मंजूरी तो सितंबर माह में ही मिल गई थी। लेकिन इसे लागू करने के लिए अभी इसकी अधिसूचना जारी होनी है। इस संशोधन विधेयक से नई प्रणाली के तहत कर्मचारी कोर्ट जाए बिना नियोक्ता कंपनी से समझौता कर सकेंगे। इसके लिए सरकार नियोक्ता कंपनी से 21 हजार रुपये का हर्जाना भी वसूलेगी। साथ ही इस रकम का 75 फीसद हिस्सा प्रभावित कर्मचारी या कर्मचारियों को जाएगा। हालांकि समझौता का यह रास्ता तभी खुलेगा जबकि इस पर दोनों पक्ष (कर्मचारी और नियोक्ता) दोनों सहमत हों।