वेस्ट यूपी की सीटें तय करेंगी दिल्ली का रास्ता

लखनऊ। क्या पश्चिमी उप्र में सपा-बसपा-गठबंधन उसी तरह कमाल करेगा, जैसा तीन लोकसभा उपचुनाव में कर चुका है। क्या राजनीति में दलों के मिलने पर उनके वोट भी पूरी तरह आपस में दो धन दो के समीकरण से जुड़ जाएंगें। इन दो सवालों से पश्चिमी उप्र के आठ लोकसभा सीटों पर भाजपा रूबरू है। पहले चरण की यह सीटें दिल्ली का रास्ता तैयार करने वाली है। भाजपा के रणनीतिकार मानते है कि सपा-बसपा-रालोद के वोट एक दूसरे को ‘ट्रांसफर’ नही होगें। 2014 में पहले चरण की सहारनपुर, बिजनौर, बागपत, कैराना, मुजफ्फरनगर, मेरठ, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर सभी भाजपा के पास थी। लेकिन उपचुनाव में कैरान भाजपा के हाथ से निकल गई। खास बात यह है कि इन सीटों पर भाजपा का प्रदर्शन 2014 के लोकसभा व 2017 के विधानसभा चुनाव में लगभग एक जैसा था। 2017 के बाद समीकरण बदले हैं और जाट, जाटव, यादव और मुस्लिम की राजनीति करने वाले एक साथ आ गए है।

मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट
मेरठ राज्य की उन सीटों में है जहां 2014 के मतों को जोड़ा जाए तो भी भाजपा, गठबंधन के साझा वोट से अधिक हांसिल कर चुकी है। भाजपा को घेरने के लिए कांग्रेस ने हरेंद्र अग्रवाल को तो गठबंधन की ओर से बसपा ने विवादित छवि के हाजी याकूब कुरैशी को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा ने राजेंद्र अग्रवाल को लगातार तीसरी बार मौका दिया है। मोटेतौर पर भाजपा व कांग्रेस के अग्रवाल के मुकाबले गठबंधन के मुस्लिम उम्मीदवार को दमदार माना जा रहा है। लेकिन षिवपाल यादव की पार्टी प्रसपा ने नासिर अली को टिकट दिया है। मेरठ ने पहले भी भाजपा के अमरपाल सिंह को तीन बार 1991-97 व 98 में जिताया है। इस बार सीधा मुकाबला भाजपा और गठबंधन प्रत्याशी के बीच है।

2014 में पार्टियों को मिले मत
भाजपा- 532981,
बसपा -300655,
सपा -211759

मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट

पश्च्मिी की यह दूसरी सीट है जहां 2014 के मतों में भाजपा गठबंधन पर भारी नजर आती है। 2014 में भाजपा को 60 प्रतिशत मत मिले थे। 2013 में सपा सरकार के दौरान हुए दंगों ने न सिर्फ मुजफ्फरनगर की बल्कि पूरे पश्चिमी उप्र के सामाजिक समीकरण को बदल दिया। जाट और मुस्लिम समुदाय शुरू हुआ था। पहली बार रालोद अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह परंपरागत सीट बागपत छोडक़र मुजफ्फरनगर से लड़ रहे हैं। उनका मुकाबला भाजपा के डॉ. संजीव बालियान से है। चौधरी अजीत सिंह तेवतिया खाप जाट है तो डा. संजीव, बालियान खाप के जाट है। 2014 में बसपा के कादिर राणा 4 लाख से अधिक मतों से हारे थे। सपा, बसपा का रालोद के साथ गठबंधन है और कांग्रेस ने प्रत्याशी न उतारने का फैसला लिया है।
2014 के परिणाम
संजीव बालियान, भाजपा- 653391, 59 फीसदी
कादिर राणा, बसपा- 252241, 22.8 फीसदी
वीरेंद्र सिंह, सपा- 160810, 14.5 फीसदी

बागपत लोकसभा सीट
बागपत रालोद का गढ़ रहा है। यहां भाजपा के केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह को रालोद के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी चुनौती दे रहें है। जयंत, चौधरी अजीत सिंह के पुत्र व किसान नेता पूर्व पीएम चरण सिंह के पोते है। महाराष्ट्र कैडर के आईपीएस रहे सत्यपाल सिंह ने 2014 चौधरी अजित सिंह को हराया था। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह तीन और रालोद अध्यक्ष अजित सिंह छह बार यहां से सांसद चुने गए।
2014 के परिणाम
भाजपा- 423475,
रालोद- 199516,
सपा- 213609

कैराना लोकसभा सीट
कैरान में भाजपा 2014 में जीतने के बाद 2018 के उपचुनाव में विरोधी दलों के साझा उम्मीदवार तब्बसुम हसन से हार गई। भाजपा ने हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह की जगह गंगोह से विधायक प्रदीप चौधरी को उम्मीदवार बनाया है। गठबंधन की ओर से सपा ने मौजूदा सांसद तबस्सुम हसन को ही प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस ने हरेंद्र सिंह को उम्मीदवार बनाया है। इस सीट पर करीब 35 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता है।

2014 के परिणाम
भाजपा – 565909,
सपा – 329081,
बसपा – 160414

सहारनपुर लोकसभा सीट

भाजपा ने राघव लखनपाल को फिर से मैदान में उतारा है। कांग्रेस के इमरान मसूद और बसपा के हाजी फजलुर्रहमान भी है। 2014 में भाजपा के राघव लखनपाल ने कांग्रेस के इमरान मसूद को हराकर यह सीट जीती थी।

2014 का परिणाम
भाजपा – 472999,
कांग्रेस – 407909,
बसपा – 235035

बिजनौर लोकसभा सीट

भाजपा के भारतेंद्र सिंह, बसपा के मलूक नागर और कांग्रेस प्रत्याशी नसीमुद्दीन मुख्य उम्मीदवार माने जा रहें है। 2014 में भारतेंद्र सिंह ने सपा प्रत्याशी शाहनवाज राणा को दो लाख मतों के अंतर से हराया था।

2014 का परिणाम-
भाजपा-486913,
सपा – 281139,
बसपा – 230124

गाजियाबाद लोकसभा सीट
केन्द्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह दूसरी बार प्रत्याशी हैं। गठबंधन से पूर्व विधायक सुरेश बंसल मैदान में हैं, तो कांग्रेस ने डॉली शर्मा को प्रत्याशी बनाया है।

2014 का परिणाम
भाजपा- 758482,
कांग्रेस -191222,
बसपा – 173085

गौतमबुद्धनगर लोकसभा
पश्चिम की इस सीट पर 2014 के मतों के आधार पर भाजपा मुख्य प्रतिद्वन्दी गठबंधन से आगे खड़ी नजर आ रही है। मौजूदा भाजपा सांसद व केंद्रीय मंत्री डा. महेश शर्मा को फिर से उतारा है। गठबंधन के बसपा प्रत्याशी सत्यवीर नागर, कांग्रेस से डा. अरविंद कुमार और आम आदमी पार्टी से प्रो. श्वेता वर्मा भी चुनावी मैदान में हैं।

2014 के परिणाम
भाजपा- 599702,
स्पा-319490,
बसपा -198237