शराब पीने का सलीका सिखायेगी योगी सरकार

विशेष संवाददाता, लखनऊ। यूपी में जिम्मेदार नागरिक की तरह शराब पीने की सीख देने के लिए जल्द ही ‘रिस्पॉन्सिबल ड्रिंकिंग पॉलिसी’ लाई जाएगी। इसके तहत प्रति वर्ष आबकारी राजस्व का एक फीसदी हिस्सा ज्यादा शराब पीने से होने वाले नुकसानों को बताने पर खर्च होगा। शासन ने प्रस्तावित नीति का मसौदा तैयार करवा लिया है, जिसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। यूपी में ज्यादा शराब पीना एक बड़ी समस्या बन चुकी है। यहां 18 फीसदी सडक़ हादसे शराब पीकर गाड़ी चलाने से हो रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में लाइलाज ‘लिवर सिरोसिस’ बीमारी के केसों में भी भारी इजाफा हुआ है। इसके अलावा अन्य बीमारियां भी शराब पीने वाले लोगों को पकड़ रही हैं। त्योहारों के मौसम में कई बार झगड़े-फसाद की मुख्य वजह शराब पीकर खुद पर नियंत्रण खोना ही निकलती है।
इन समस्याओं से निजात के लिए राज्य सरकार ने ‘रिस्पॉन्सिबल ड्रिंकिंग पॉलिसी’ लाने का फैसला किया है। इसके तहत मद्य निषेध के बजाय जिम्मेदार ढंग से शराब पीने की बात की जाएगी। कहीं इस अभियान का हश्र मद्य निषेध अभियान की तरह न हो जाए, इसके लिए नीति में ही फंड की व्यवस्था भी की जा रही है। इसके तहत प्रति वर्ष शराब बिक्री से सरकार को जो आमदनी होगी, उसका एक फीसदी हिस्सा ज्यादा शराब से होने वाले नुकसान को लेकर जागरूकता अभियान चलाने पर खर्च होगा। स्कूल-कॉलेज स्तर से ही विद्यार्थियों को शराब से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दी जाएगी।गांव-गांव और मोहल्लों में गोष्ठियों व नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से भी ज्यादा शराब न पीने का संदेश दिया जाएगा। साथ ही अवैध ढंग से बनने वाली शराब को जहर बताते हुए इसके नुकसान भी उदाहरणों के साथ बताए जाएंगे। लोगों से यह भी अपील की जाएगी कि वे अवैध शराब के अड्डों के बारे में प्रशासन को जानकारी दें, ताकि लोगों की जानें बचाई जा सकें। शहरों के उन इलाकों को खास तौर पर चिन्हित किया जाएगा, जहां अक्सर ही ज्यादा शराब के सेवन से सामाजिक तानाबाना छिन्न-भिन्न होने की घटनाएं सामने आ रही हैं। इस बारे में संपर्क किए जाने पर प्रमुख सचिव, समाज कल्याण मनोज सिंह ने बताया कि प्रदेश में रिस्पॉन्सिबल ड्रिंकिंग पॉलिसी लाने पर गंभीरता से विचार हो रहा है। सरकार को प्रतिवर्ष आबकारी राजस्व के रूप में करीब 20 हजार करोड़ रुपये की आमदनी होती है। इसका एक फीसदी यानी 200 करोड़ रुपये ‘रिस्पॉन्सिबल ड्रिंकिंग पॉलिसी’ में चलाए जाने वाले जागरूकता अभियानों के लिए मिलने का अनुमान है। ज्यादा शराब पीने से प्रतिदिन देश में 1374 हादसे होते हैं। इन हादसों में प्रतिदिन 400 लोग जान गंवाते हैं। पिछले एक दशक में शराब की वजह से 10 लाख से ज्यादा जानें गईं।