संसद सत्र: राज्यसभा में भारी हंगामा, मनमोहन पर टिप्पणी से विफरी कांग्रेस

नयी दिल्ली। राज्यसभा में आज शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन गुजरात चुनाव के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के खिलाफ की गयी टिप्पणी सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष के हंगामे के कारण बैठक को तीन बार के स्थगन के बाद अपराह्न करीब तीन बजे पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया। विपक्षी सदस्य पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ टिप्पणी करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से माफी मांगने की मांग कर रहे थे।हंगामे के दौरान कांग्रेस और सपा के सदस्य बार बार आसन के समक्ष आकर नारेबाजी करते रहे। शुक्रवार होने के कारण भोजनवाकाश के बाद गैर सरकारी कामकाज होता है। किंतु आज सदन में गैर सरकारी कामकाज भी विपक्षी सदस्यों के हंगामे की भेंट चढ़ गया।हंगामे के दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने प्रधानमंत्री एवं पूर्व प्रधानमंत्री का नाम लिये बिना कहा कि उन पर लगाये गये आरोप न केवल सरकार बल्कि विपक्ष के लिए भी बहुत गंभीर हैं।विपक्षी सदस्यों ने शरद यादव और अली अनवर अंसारी को सदन की सदस्यता से अयोग्य ठहराये जाने तथा सरकार द्वारा उच्चतम न्यायालय में हलफनामा देकर सांसदों एवं विधायकों के खिलाफ मामलों के जल्द निस्तारण के लिए विशेष अदालतें गठित करने के मुद्दे पर भी हंगामा किया। विपक्षी नेताओं की दलील थी कि जब कानून की नजर में सभी बराबर हैं तो नेताओं के लिए अलग से अदालतें क्यों गठित की जाएं? सदन की बैठक आज राष्ट्रगान के साथ शुरू हुई। इसके बाद सभापति एम वेंकैया नायडू ने दिवंगत पूर्व सदस्यों, भारतीय वायु सेना के मार्शल दिवंगत अर्जन सिंह तथा एनटीपीसी के संयंत्र में हुए हादसे एवं ओखी चक्रवात में जान गंवाने वाले लोगों को पूरे सदन की ओर से श्रद्धांजलि दी।प्रधानमंत्री ने अपने मंत्रिमंडल में शामिल किए गये नये कैबिनेट मंत्रियों, स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्रियों और राज्य मंत्रियों का सदन से परिचय करवाया।इसके बाद सपा के नरेश अग्रवाल ने व्यवस्था के प्रश्न के नाम पर शरद यादव एवं अली अनवर अंसारी को राज्यसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराये जाने का मुद्दा उठाया। किंतु नायडू ने उनके व्यवस्था के प्रश्न को खारिज करते हुए कहा कि सभापति के निर्णय पर प्रश्न नहीं उठाया जा सकता।विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने इसी मुद्दे को उठाते हुए कहा कि बिहार में महागठबंधन ने नीतीश कुमार को अपना मुख्यमंत्री बनाया था। राज्य की जनता ने महागठबंधन को वोट दिया था।आजाद ने कहा कि शरद यादव और अली अनवर अंसारी को अयोग्य ठहराये जाने के बजाय नीतीश कुमार को इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि जदयू के सांसदों एवं विधायकों की सदस्यता जानी चाहिए।हालांकि नायडू ने आजाद से कहा कि सभापति के निर्णय पर चर्चा नहीं की जा सकती।इसके बाद कांग्रेस और सपा के नेता नारेबाजी करते हुए आसन के समक्ष आ गये। विपक्षी नेता सरकार पर ‘‘तानाशाही’’ का आरोप लगाते हुए नारेबाजी कर रहे थे।नायडू ने नारेबाजी कर रहे सदस्यों को अपने स्थानों पर लौट जाने को कहा। किन्तु अपनी अपील का कोई असर होते न देख उन्होंने पूर्वाह्न करीब 11 बजकर 40 मिनट पर बैठक को दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।