सन्यासी से सीएम: योगी का सफर है दिलचस्प

Yogi-Adityanath

लखनऊ। महंत आदित्यनाथ के सन्यासी से सीएम का सफर काफी चुनौतियां भरा रहा है। बीजेपी के फायरब्रांड नेताओं में से एक योगी आदित्यनाथ के यूपी के सीएम बनने का सफर चुनौती के साथ- साथ काफी दिलचस्प भी है। योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में गुरू अवेद्यनाथ के सानिध्य में राजनीति सीखी और 26 साल की उम्र में पहली बार सांसद बने और लगातार पांच बार गोरखपुर से सांसद भी है। बीजेपी के फायरब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ ने 26 साल की उम्र में सन्यास ले लिया था। सन्यास लेने के बाद उन्होंने परिवार से नाता तोड़ लिया था और सरकारी कागजों में भी पिता के तौर पर महंत अवेद्यनाथ का नाम लिखा जाने लगा। महंत अवेद्यनाथ रिश्ते में योगी के मामा भी लगते थे। गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ का जन्म उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में हुआ था। योगी सात भाई- बहनों में पांचवें नंबर पर हैं। योगी से तीन बहने बड़ी है, जबकि चार भाईयों में योगी दूसरे नंबर पर हैं।
गोरखनाथ मंदिर के महंत और पांच बार से गोरखपुर से सांसद योगी आदित्यनाथ एक लेखक भी है। वह साप्ताहिक समाचार पत्र हिन्दवी के प्रधान संपादक रहे हैं, वहीं गोरखनाथ मंदिर की वार्षिक पुस्तक योगवाणी के प्रधान संपादक हैं। इसके अलावा योगी ने राजयोग: स्वरूप एवं साधना, यौगिक षटकर्म, हिन्दू राष्ट्र नेपाल जैसी पुस्तकें भी लिखी हैं।