सपा बोली: बिजली दरों में बढ़ोत्तरी से जनता को तकलीफ

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव एवं मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि सत्ता में आने के बाद भाजपा ने जो भी निर्णय किए हैं उनसे जनता की तकलीफें कम होने के बजाय ज्यादा बढ़ी हैं। बिजली मूलभूत आवश्यकता है। भाजपा उसे भी आम आदमी की पहुंच से बाहर करने पर तुली है। अनमीटर्ड ग्रामीण उपभोक्ताओं की दरों में 67 से 150 फीसदी और किसानों की दरों में 50 से फीसद की वृद्धि से किसान बुरी तरह आहत हैं। भाजपा सरकार ने इस निर्णय से गरीब और किसान विरोधी आचरण का परिचय दिया है।भाजपा सरकार ने बिजली की दरें बढ़ाने का निर्णय अपने चरित्र के अनुसार छलकपट के साथ किया है। नगरीय निकाय चुनाव के दिनों में बिजली की दरों में वृद्धि का प्रस्ताव छुपाकर ठीक चुनाव प्रक्रिया समाप्त होते ही बिजली दरों में भारी वृद्धि लागू करना भाजपा का जनविरोधी कदम है। उपभोक्ताओं ने जो आपत्तियां उठाई थीं उनके निस्तारण से पहले टैरिफ का निर्धारण करना अनुचित कार्यवाही है। सुनवाई का मामला अभी लम्बित है ऐसे में नई दरें लागू करना अनैतिक हैं। समाजवादी सरकार के समय विद्युत उत्पादन का बुनियादी ढांचा विकसित कर 8500 मेगावाट से 16500 मेटावाट उत्पादन की व्यवस्था की गई थी। उसे भाजपा सरकार ने बर्बाद कर दिया है। समाजवादी सरकार के समय ग्रामीण क्षेत्रों में 14 से 16 घंटे तथा षहरी क्षेत्रों में 22 से 24 घंटे तक विद्युत आपूर्ति होती थी। भाजपा सरकार आते ही यह व्यवस्था भी समाप्त हो गई। अब लोगों को भारी बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है। समाजवादी सरकार ने कई सोलर प्लांट, तापीय विद्युत परियोजनाएं और अण्डरग्राउण्ड केबलिंग का भी इंतजाम किया है।
भाजपा की नीति पूंजी घरानों के पक्ष में रहती है। भाजपा सरकार का गरीबों और किसानों के साथ सौतेला व्यवहार है। किसानों के हित की उसे चिंता नहीं है। भाजपा जानती है किसान उसके बहकावे में नहीं आएंगे इसलिए भी वह उनकी उपेक्षा करती रहती है। इसके विपरीत समाजवादी पार्टी की प्राथमिकता में गांव और किसान हैं। भाजपा की नीतियों से विद्युत कारपोरेशन भ्रष्टाचार में डूब गया है। अपनी कमियों को छुपाने के लिए ही भाजपा द्वारा किसानों को दण्डित करने का काम किया जा रहा है। समाजवादी पार्टी की मांग है कि विद्युत कारपोरेशन को तत्काल जनहित में बिजली की बढ़ी दरें वापस लेनी चाहिए।