सलीम के बयान में संसद में बवाल

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नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान आज लोकसभा सबसे अहम माने जाने वाले असहिष्णुता के मुद्दे पर चर्चा की शुरुआत आखिरकार हो ही गई। इस दौरान मोहम्मद सलीम के बयान पर गृहमंत्री राजनाथ भावुक होते दिखाई दिए। मोहम्मद सलीम के बयान पर आपत्ति जताते हुए उन्होंने कहा कि सलीम द्वारा कोट किया गया बयान यदि कोई भी गृहमंत्री देता है तो उसको अपने पद पर बने रहने का कोई हक नहीं है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि वह उनके बयान से काफी आहत हुए हैं। इस पर मचे कोहराम के चलते लोकसभा की कार्यवाही को तीन बार स्थगित करना पड़ा। चर्चा को आगे बढ़ाते हुए सीपीएम के सांसद मोहम्मद सलीम ने कहा कि भारत फासीवाद नहीं है। सविंधान सहनशील होना सिखाता है। यहां पर सभी को बोलने की आजादी है। बीच में उन्होंने स्पीकर ने गदर शब्द बोलने पर रोका भी। उन्होंने कहा कि जो लोग इसकी बात कह रहे हैं उनकी बात भी सुननी जरूरी है। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि भारत में टाइम स्क्वायर की बात सुनी जाती है लेकिन सदन और देश में फैले माहौल की बात नहीं सुनी जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार मुद्दे को बदल रही है। उन्होंने महंगाई समेत कई मुद्दों पर अपने विचार रखे।बहस के दौरान उन्होंने उस बयान का भी उल्लेख किया जिसमें उन्होंने गृह मंत्री पर सवाल उठाया कि उन्होंने नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के बाद उन्होंने कहा कि आठ सौ वर्षों के बाद पहली बार देश में एक हिंदू के पास सत्ता आई है। इस मुद्दे पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आपत्ति जताते हुए कहा कि उन्होंने ऐसा नहीं कहा है इसके लिए वह प्रमाण दें अन्यथा माफी मांगे। मोहम्मद सलीम के बयान पर सरकार की ओर से भाजपा सांसदों ने उन्हें घेरने की भी कोशिश की। गृहमंत्री के बयान पर उन्होंने उस मैगजीन के एडिटर को नोटिस भेजने की अपील की जिसने इस तरह का बयान छापा था।