सावन का अंतिम सोमवार: बम भोले के दरबार में तांता

लखनऊ। श्रावण मास के आखिरी सोमवार को जिले के विभिन्न क्षेत्रों में हल्की बूंदाबांदी को बाबा का आशीर्वाद मानकर ऐतिहासिक शिव मंदिरों में भक्तों ने भोर से लंबी लंबी कतारों में लगकर भोलेनाथ के शिवलिंगों पर दुग्धाभिषेक और जलाभिषेक किया।
पौराणिक बाबा दु:खहरण नाथ मंदिर के महंत रुद्र नारायण ने बताया कि त्रेतायुग से ही स्थापित भोले बाबा की पिंडी के दर्शन व पुष्प , दुग्ध , भांग , धतूरा , बेलपत्र , रोली , कमल , चावल , घृत व जल अन्य श्रृंगार सामग्रियों से बाबा का अभिषेक किया। उन्होंने बताया कि हजारों कांवरियों ने कर्नलगंज तहसील क्षेत्र में स्थित सरयू नदी से पवित्र जलभर कर पैदल यहां शिवलिंग पर जलाभिषेक किया। इसके अलावा जिले व आसपास के क्षेत्रों से आई महिला व पुरुष श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन कर मनोकामना मांगी।
सावन मास में मंदिर परिसर में भंडारे का आयोजन किया गया। बाबा दु:ख हरण नाथ सेवा समिति के अध्यक्ष संदीप मेहरोत्रा ने बताया कि 23 अगस्त को मंदिर परिसर में बाबा का आलौकिक शृंगार किया जायेगा। इसके साथ सुप्रसिद्ध भजन गायकों द्वारा भजनामृत की वर्षा व अविश्वसनीय झांकियों को प्रस्तुत कर कर श्रद्धालुओं को भक्ति के समुन्दर में गोते लगवाने की तैयारियां जोरों पर है। द्वापरयुग कालीन विश्व का सबसे बड़ा कहे जाने वाले साढ़े फुट के दुर्लभ काली कसौटी से पांडवों द्वारा अज्ञातवास के दौरान स्थापित बाबा पृथ्वीनाथ मंदिर के शिवलिंग पर सुबह से ही जल चढ़ाने वालों का तांता लगा रहा। दूर दराज से आये हजारों शिवभक्तों ने जलाभिषेक किया इस अवसर पर सुरक्षा के व्यापक प्रबंध रहे