सीएम अखिलेश बोले: महिलाओं की अनदेखी घातक

cm30apr

लखनऊ। यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि किसी भी समाज की प्रगति के लिए उसकी आधी आबादी की तरक्की बहुत जरूरी है। महिलाओं की अनदेखी कर कोई भी देश या समाज आगे नहीं बढ़ सकता है, इसलिए तरक्की के लिए महिलाओं को आगे बढऩे का मौका देना होगा। उन्होंने कहा कि समाजवादी महिलाओं का बहुत सम्मान करते हैं। इसके मद्देनजर समाजवादी सरकार ने महिलाओं के कल्याण एवं उनकी सुरक्षा के लिए कई योजनाएं चलायी हैं।
मुख्यमंत्री ने यह विचार आज यहां होटल ताज में फिक्की लेडीज ऑर्गेनाइजेशन (फ्लो) द्वारा आयोजित ‘फस्र्ट यूपी फ्लो विमेन्स अवाड्र्सÓ कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। इस अवॉर्ड कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए उन्होंने आयोजकों को बधाई देते हुए कहा कि महिलाएं हर सेक्टर में अच्छा कार्य कर रही हैं। वे न केवल अब उद्योग जगत में भी अपनी पैठ बना रही हैं, बल्कि अपनी उपलब्धियों से सफलता की नई इबारत भी लिख रही हैं।
श्री यादव ने कहा कि राज्य सरकार महिलाओं के कल्याण एवं सुरक्षा के लिए कई योजनाएं चला रही है, जिनमें कन्या विद्या धन योजना, समाजवादी पेंशन योजना, ‘1090Ó विमेन पावर लाइन, ‘102Ó नेशनल एम्बुलेंस सर्विस, नि:शुल्क लैपटॉप वितरण योजना, रानी लक्ष्मीबाई महिला सम्मान कोष इत्यादि शामिल हैं। राज्य सरकार महिलाओं के उत्थान के लिए हर सम्भव सहायता उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं की प्रगति में शिक्षा का बहुत महत्व है। इसी के दृष्टिगत राज्य सरकार द्वारा कन्या विद्या धन योजना लागू की गई है, ताकि बालिकाएं अपनी आगे की पढ़ाई जारी रख सकें। नि:शुल्क लैपटॉप वितरण के माध्यम से बड़ी संख्या में लड़कियों को लाभान्वित किया गया है, जिसका अब उन्हें भरपूर लाभ मिल रहा है। वे लैपटॉप और इण्टरनेट के उपयोग के माध्यम से अपने बहुत से कार्य कर रही हैं और आगे बढ़ रही हैं।
श्री यादव ने कहा कि रानी लक्ष्मीबाई महिला सम्मान कोष के माध्यम से महिलाओं को सम्मानित करने के साथ-साथ उनकी अन्य जरूरतों को भी पूरा किया जा रहा है। महिला खिलाडिय़ों को रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है। राज्य सरकार महिलाओं को स्वावलम्बी बनाने के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के साथ-साथ उन्हें उद्यमशील भी बना रही है। उन्होंने कहा कि कामधेनु योजना के माध्यम से महिलाओं को स्वावलम्बी बनाया जा रहा है। उनकी मदद स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से भी की जा रही है। समाजवादी पेंशन योजना के माध्यम से परिवार की महिला मुखिया को 500 रुपए प्रति माह की सहायता राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही है। यह राशि उनके खाते में सीधे अंतरित की जा रही है।
महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने की दृष्टि से स्थापित की गई ‘1090Ó विमेन पावर लाइन का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे उनका मनोबल बढ़ा है और वे सुरक्षित महसूस कर रही हैं। मेट्रो रेल प्रोजेक्ट, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे इत्यादि का लाभ भविष्य में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का भी आधार बनेगा। उन्होंने कहा कि लखनऊ और कानपुर भविष्य के बड़े शहर हैं और यहां मौजूद विभिन्न सुविधाओं का भी लाभ महिलाओं को मिलेगा। राज्य सरकार द्वारा लागू की जा रही अन्य विकास योजनाओं का भी भरपूर लाभ महिलाओं को मिलेगा।
श्री यादव ने ‘आशाÓ कार्यकर्ताओं के कार्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे जमीनी स्तर पर बहुत अच्छा कार्य कर रही हैं और इसका लाभ वंचित वर्गों की महिलाओं को मिल रहा है। पारम्परिक उद्योगों के माध्यम से महिलाओं के आर्थिक उत्थान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि लखनऊ की चिकनकारी उद्योग में महिला स्वयं सहायता समूहों ने अच्छा कार्य किया है। इसी प्रकार हम अन्य पारम्परिक उद्योगों का भी उपयोग महिला सशक्तिकरण के लिए कर सकते हैं।
यश भारती सम्मान का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा दिए जा रहे इस पुरस्कार के माध्यम से बड़ी संख्या में महिलाओं को भी नवाजा गया है। उन्होंने कहा कि इस पुरस्कार की विशेषता यह है कि इसे पाने वाले व्यक्ति को 50 हजार रुपए प्रति माह की पेंशन भी राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाती है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि फिक्की लेडीज़ ऑर्गेनाइजेशन भविष्य में भी इस प्रकार के आयोजन करता रहेगा, ताकि महिलाओं की हौसला अफजाई होती रहे। उन्होंने कहा कि सरकार महिलाओं के उत्थान के लिए कटिबद्ध है और इसके लिए फिक्की लेडीज़ ऑर्गेनाइजेशन की किसी भी पहल में वह हर सम्भव सहायता प्रदान करेगी।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने अपनी-अपनी श्रेणी में विजेता महिलाओं को पुरस्कार वितरित किए। कार्यक्रम के दौरान कन्नौज की सांसद श्रीमती डिम्पल यादव, प्रमुख सचिव सूचना श्री नवनीत सहगल सहित बड़ी संख्या में महिलाएं एवं गणमान्य नागरिक मौजूद थे।
ज्ञातव्य है कि देश की महिला उद्यमियों और औद्योगिक क्षेत्र में महिलाओं के लिए काम करने वाले स्वयंसेवी संगठनों को अलग पहचान देने के लिए फिक्की द्वारा फिक्की लेडीज़ ऑर्गेनाइजेशन की स्थापना 1983 में की गई थी।