सुप्रीम कोर्ट का फरमान: नीट के जरिये होगा मेडिकल कालेजों में दाखिला

supreem courtनई दिल्ली। इस वर्ष देश भर के सभी सरकारी और निजी मेडिकल कालेजों में प्रवेश एकल साझा परीक्षा (नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंटरेंस टेस्ट (नीट)) के जरिए होगा। सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल के एमबीबीएस और बीडीएस पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए नीट परीक्षा कराए जाने के सीबीएसई के शिड्यूल को गुरूवार को मंजूरी दे दी। नीट परीक्षा दो चरणों में होगी।
एक मई को होने वाली एआइपीएमटी परीक्षा को पहले चरण की नीट परीक्षा माना जाएगा और दूसरे चरण की परीक्षा 24 जुलाई को होगी। 17 अगस्त को एक साथ दोनों का नतीजा घोषित होगा। ये आदेश न्यायमूर्ति एआर दवे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने संकल्प चेरिटेबल ट्रस्ट की याचिका पर सुनवाई के बाद दिये। याचिका में इसी वर्ष नीट परीक्षा कराए जाने का आदेश मांगा गया था। कोर्ट ने इस वर्ष नीट परीक्षा न कराए जाने की निजी कालेजों और राज्य सरकारों की अपील ठुकरा दी। लेकिन साफ किया कि नीट परीक्षा के बारे में निजी कालेजों की लंबित याचिकाओं की सुनवाई पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा और उन पर तय कार्यक्रम के मुताबिक सुनवाई की जाएगी।
हालांकि सीबीएसई, एमसीआइ और केंद्र सरकार से बुधवार को ही कोर्ट से कहा दिया था कि वे इसी वर्ष नीट परीक्षा कराने को तैयार हैं। इस पर कोर्ट ने उन्हें गुरूवार को परीक्षा का प्रस्तावित शिड्यूल देने को कहा था।गुरुवार को केंद्र सरकार व सीबीएसई की ओर से पेश एडीशनल सालिसीटर जनरल पिंकी आनंद ने दो चरणों में नीट कराए जाने का शिड्यूल पेश किया।
परीक्षा से लेकर काउंसलिंग और सत्र प्रारंभ होने का तिथिवार ब्योरा देते हुए उन्होंने कहा कि एक मई को होने वाली एआइपीएमटी की परीक्षा को नीट की पहले चरण की परीक्षा माना जाएगा। उनका कहना था कि एक मई को होने वाली एआईपीएमटी परीक्षा में करीब छह लाख छात्र हिस्सा ले रहे हैं। सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। ऐसे में एआइपीएमटी निरस्त करना ठीक नहीं होगा। लेकिन सभी छात्रों को मेडिकल में प्रवेश का मौका देने के लिए नीट की दूसरे चरण की परीक्षा कराई जाएगी। जिसमें करीब बाकी बचे 2.5 लाख छात्रों के भाग लेने की उम्मीद है।
एमसीआइ के वकील विकास सिंह ने सीबीएसई के श्ड्यिूल में कुछ बदलाव की मांग की। उन्होंने कहा कि दूसरे चरण की परीक्षा जल्दी कराई जानी चाहिए और रिजल्ट भी जल्दी घोषित हों ताकि कोर्ट के पूर्व आदेश के मुताबिक 1 अगस्त से सत्र शुरू हो सके। 30 सितंबर तक बहुत देर हो जाएगी।कोर्ट ने सभी को सुनने के बाद सीबीएसई के शिड्यूल को मंजूर कर लिया और कहा कि तय शिड्यूल के मुताबिक नीट परीक्षा होगी।कई राज्यों जैसे आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और तेलंगाना ने नीट का जोरदार विरोध किया और अपने अपने कानूनों की दुहाई दी।
हालांकि एमसीआई का कहना था कि एमसीआई का नीट कराने का नियम सभी राज्यों पर लागू होगा और 2013 में ऐसा ही था। निजी मेडिकल कालेजों ने भी नीट का विरोध किया। कोर्ट ने सारे विरोध दर किनार करते हुए कहा कि गत 11 अप्रैल को कोर्ट ने नीट परीक्षा कराने का नियम निरस्त करने का अपना फैसला वापस ले लिया था। उसके बाद से नीट परीक्षा कराने की की 21 दिसंबर 2010 की अधिसूचना फिर बहाल हो गई है।