सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग में आईजी नवनीत सिकेरा ने भरा जोश

AiXwH2Z4amDOGla2jcKq_2rSr0uHeh1S-Z8mQXkzrgvjलखनऊ। लड़कियों को कभी भी विषम परिस्थितियों में घबराना नहीं चाहिए। उन्हें सबसे पहले ऐसे मामलों में घूरकर देखना चाहिए और विरोधी के चेहरे पर ताबड़तोड़ वार करना चाहिए। इससे दुश्मन घबरा जाएगा। इसके बाद खुद महिला या लड़की को आवाज देते हुए जहां पर ज्यादा लोग हों वहां पर जाना चाहिए। ये बातें सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग के दौरान 1090 वीमेन पॉवर लाइन के आईजी नवनीत सिकेरा ने जोश भरते हुए कही है। यह ट्रेनिंग अभी सेल्फ प्रोटेक्शन ट्रस्ट की ओर से दी जा रही थी। नवनीत सिकेरा ने सेल्फ डिफेंस को लेकर अपनी बेटी का उदाहरण देते हुए कहा कि वह लगातार प्रेक्टिस करती रहती है। एक बार उसने एक लड़के को प्रेक्टिस करते हुए पल भर में धूल चटा दी थी। वह जमीन पर लेट गया था। उन्होंने कहा कि उसका वीडियो भी उनके पास है और वह खुद बेटी के लिए पंचिंग बैग का काम करते हैं। हर लड़की को प्रेक्टिस करना चाहिए। लड़कियों का दिमाग भी लड़कों की तुलना में तेज होता है। लड़कियां किसी भी ट्रेनिंग को लड़कों से तेज सीख सकती है। यही वजह है कि यदि लड़कियों ने सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग सही तरीके से ले ली तो वह खुद ही लड़कों का मुकाबला कर सकेंगी। वीमेन पावर लाइन 1090 के प्रभारी कुंवर राघवेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि इस ट्रेनिंग से महिलाओं और लड़कियों का मनोबल बढ़ा है। उन्होंने सभी लड़कियों को चुप्पी तोडऩे और खुलकर बोलने की सलाह भी दी। साथ ही यह भी कहा है कि ट्रेनिंग लेने के बाद लड़कियां हर मुकाबले के लिए तैयार रहती हैं। लड़कियों को ट्रेनिंग दे रहे यशभारती सम्मान से सम्मानित अभिषेक यादव का कहना है कि लड़कियों के साथ हो रही छेडख़ानी को इससे रोका जा सकता है। यह ट्रेनिंग दो से तीन दिन में ही सीखी जा सकती है, लेकिन इसकी प्रेक्टिस लगातार करनी होगी। सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग ले रही राधिका का कहना था यह ट्रेनिंग आत्म विश्वास को बढ़ाती है। इससे हम मुकाबला करने के लिए तैयार होते हैं। सृष्टी का कहना था कि यह ट्रेनिंग अन्य लड़कियों को भी दी जानी चाहिए। इसे कम समय में सीखा जा सकता है। इससे कई फायदें हैं। लड़कियां संकट के समय में अकेली होती हैं, ऐसे में यह ट्रेनिंग और तकनीक काफी कारगर है।