स्वाइन फ्लू से डरा उप्र, 75 जिलों में बनाये आईसोलेशन वार्ड

लखनऊ 31 जुलाई। उप्र में स्वाईन फ्लू की रोकथाम के लिए सभी जनपदों में जिला स्तरीय रैपिड रिस्पान्स टीम गठित की गई है। इस रैपिड रिस्पान्स टीम में एक जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ, एक फिजिशियन, एक एपीडेमियोलाॅजिस्ट तथा एक पैथोलाजिस्ट/लैब टेक्नीशियन शामिल हैं। प्रदेश के सभी जिला चिकित्सालयों में 10 शैय्या युक्त आइसोलेशन वार्ड को स्थापित किये जा चुके  है। राज्य सर्विलाॅस इकाई तथा जिला सर्विलाॅस इकाईयों द्वारा प्रदेश में स्वाईन फ्लू की स्थिति पर सतत् निगरानी रखी जा रही है। इसके साथ ही एन्फ्लूएन्जा ए (एच1एन1) के किसी भी आकस्मिकता से निपटने के लिये समुचित निर्देश भी जारी कर दिये गये हैं।
यह जानकारी प्रमुख सचिव, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्री प्रशांत त्रिवेदी ने आज यहां दी। उन्होंने बताया कि एन्फ्लुएन्जा-ए-एच1एन1 (स्वाईन फ्लू) एक वायरस जनित रोग है, जिसका प्रमुुख लक्षण सामान्य जुकाम और बुखार होता है। यह वायरस शीत ऋतु प्रारम्भ होने के साथ सक्रिय होता है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 01 जनवरी, 2017 से  29 जुलाई, 2017 तक कुल रोगियों की संख्या 90 है, इसमें से पांच मरीजों की मृृत्यु हुई है।
प्रमुख सचिव ने बताया कि शीत ऋतु के आरम्भ के साथ ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा एन्फ्लुएन्जा-ए-एच1एन1 (स्वाईन फ्लू) से निपटने की तैयारी की गयी है। इसके अन्तर्गत एन्फ्लुएन्जा-ए-एच1एन1 (स्वाईन फ्लू) के प्रभावी नियंत्रण की कार्ययोजना मार्च माह में ही प्रदेश के समस्त मण्डलीय अपर निदेशक/मुख्य चिकित्साधिकारी/मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों को भेजी जा चुकी है। उन्होंने बताया कि इस रोग से बचाव हेतु जन-जागरूकता के अन्तर्गत क्या करें, क्या न करें, का व्यापक प्रचार-प्रसार राज्य मुख्यालय स्तर किया जा रहा है। प्रदेश के समस्त सरकारी चिकित्सालयों के कैजुएल्टी/आकस्मिकता विभाग में कार्यरत सभी चिकित्सक तथा पराचिकित्सक कर्मी को जो एच1एन1 के मरीजों की देखभाल तथा उपचार में शामिल हैं, उनको एन्फ्लुएन्जा वैक्सीन से टीकाकृत भी किया गया है। मरीज में स्वाईन फ्लू की पुष्टि होने पर रोगियों के परिवारजनों की भी स्क्रनीनिंग कर आवश्यकतानुसार उन्हें ओसेल्टीमीविर औषधि से उपचारित किया जा रहा है।

त्रिवेदी ने बताया कि प्रदेश के सरकारी एवं गैर सरकारी चिकित्सालयों में सूचित होने वाले एन्फ्लुएन्जा-ए- एच1 एन1 रोग से ग्रसित रोगियों के जाॅच की सुविधायें केजीएमयू, एसजीपीजीआई, रूरल इंस्टीटॅयूट आॅफ मेडिकल साइंस एवं रिसर्च, सैफई, एसएन मेडिकल कालेज, आगरा, एलएलआरएम मेडिकल कालेज, मेरठ, जीएसवीएम मेडिकल कालेज, कानपुर, बीआरडी मेडिकल कालेज, गोरखपुर तथा एनसीडीसी, दिल्ली में निःशुल्क उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि यहां बलरामपुर चिकित्सालय, डा0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी, सिविल चिकित्सालय, डा0 राम मनोहर लोहिया, चिकित्सालय, लखनऊ तथा जिला चिकित्सालयों, केजीएमयू, एसजीपीजीआई, रूरल इंस्टीटॅयूट आॅफ मेडिकल साइंस एवं रिसर्च, सैफई अन्य राजकीय मेडिकल कालेजों में एन्फ्लुएन्जा-ए-एच1एन1 (स्वाईन फ्लू) की उच्च स्तरीय उपचार व्यवस्था की भी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
प्रमुख सचिव ने बताया कि महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य द्वारा समय-समय पर प्रदेश के समस्त मुख्य चिकित्साधिकारी एवं मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों को स्वाईन फ्लू की रोकथाम एवं उपचार के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जा रहे है, जिसके अनुक्रम सभी जनपदों में  समुचित तैयारियाॅ भी सुनिश्चित की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए राज्य मुख्यालय पर 24ग7 टोल फ्री दूरभाष नम्बर 18001805145 स्थापित एवं क्रियाशील है। इसी प्रकार जनपदों में नियंत्रण कक्ष को भी 24 घण्टे सक्रिय रखा गया है।

प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य  प्रशांत त्रिवेदी ने अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा, श्रीमती अनिता भटनागर जैन से अनुरोध किया है कि प्रदेश के सभी मेडिकल कालेजों  विशेष कर केजीएमयू एवं एसजीपीजीआई जहां से स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं (चिकित्सकों/पैरामेडिकल स्टाफ) के स्वाइन फ्लू से ग्रस्त होने की सूचना प्राप्त हुई है, वहां सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को तत्काल स्वाइन फ्लू के टीके लगवाये जाये। प्रदेश के सभी मेडिकल कालेजों में भर्ती होने वाले स्वाइन फ्लू के मरीजों के इलाज के लिए केवल उन्ही स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को लगाया जाय, जिन्हें स्वाइन फ्लू के टीके लगाये जा चुके है।