हाईकोर्ट ने पैरामिलिट्री फोर्स की भर्ती पर लगायी रोक

 

इलाहाबाद। हाईकोर्ट ने अर्धसैनिक बलों में संशोधित परिणाम से हो रही भर्ती पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति आरएसआर मौर्य ने अमित सिंह चौहान सहित कई अन्य अभ्यर्थियों की याचिकाओं पर अधिवक्ता विजय गौतम व अन्य वकीलों को सुनकर दिया है।
कोर्ट ने सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, बीएसएफ, एसएसबी, आईटीबीपी, असम राइफल्स के लिए 2011 में हुई 72,309 पदों की भर्ती के अनुक्रम में जारी इस प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं को एकसाथ सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने को प्रकरण चीफ जस्टिस को संदर्भित कर दिया है। याचिकाओं के अनुसार कर्मचारी चयन आयोग से पांच फरवरी 2011 को अर्धसैनिक बलों में 49,080 पदों की भर्ती का विज्ञापन जारी हुआ, जिसे बाद में संशोधित कर पदों की संख्या 72,309 कर दी गई।
लिखित परीक्षा, शारीरिक दक्षता और चिकित्सीय परीक्षण के बाद 44152 पदों के लिए चयन परिणाम घोषित कर दिया गया। मामले के तथ्यों के अनुसार, योग्य अभ्यर्थी न मिलने के कारण 28044 पद रिक्त रह गए। बाद में 2011 से 2017 के बीच कई बार संशोधित परिणाम के माध्यम से इनमें से कुछ-कुछ पदों पर भर्ती की जाती रही।
एडवोकेट विजय गौतम व अन्य ने तर्क दिया कि बार-बार चयन सूची जारी करने का कोई नियम ही नहीं है और न ही विज्ञापन की शर्तों में इस संबंध में ऐसा कुछ कहा गया था। आरोप लगाया गया कि बाद में चयनित हो रहे अभ्यर्थी पिक एंड चूज पॉलिसी के तहत भर्ती किए जा रहे हैं। इस तरह के चयन के लिए अभ्यर्थियों के राज्यों के कोड भी बदले गए हैं। इसके तर्क के समर्थन में याचिका के साथ कई उदाहरण संलग्न किए गए हैं।