हिन्दुस्तान लीवर और गावी ने लांच किया अनूठा पैरेन्टिंग प्रोग्राम

लखनऊ, विशेष संवाददाता। छोटी-छोटी किन्तु खास आदतों के माध्यम से शिश्ुाओं को पूर्णरूपेण स्वस्थ बनाया जा सकता है और असमय होने वाली शिशु मृत्यू दर में वृहद स्तर पर कमी लाई जा सकती है। प्राय: हम लोग बच्चों की साफ-सफाई का खास ख्याल रखने के बजाय उनके इलाज को ज्यादा महत्व देते हैं। हमें जागरूक होने की जरूरत है और छोटी-छोटी किन्तु खास आदतें अपने व्यवहार में शामिल कर नौनिहालों का भविष्य सवांर सकते हैं। यह बातें डीएत डा नितिन बंसल ने गांधी पार्क टाउन हाल में हिंदुस्तान युनिलीवर के लाईफब्वॉय और गावी की ओर से आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में कही।
बतौर मुख्य अतिथि दीप प्रज्ज्वलित कर सफल शुरूआत कार्यक्रम का शुभारम्भ करने के बाद जिलाधिकारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 2 साल से कम उम्र के बच्चो में रोकी जा सकने वाली बीमारियों के कारण होने वाली मौतों को कम करने के प्रयास में हिंदुस्तान युनिलीवर के लाईफब्वॉय और गावी ने आज गोंडा में एक आधुनिक परियोजना सफल शुरूआत का लॉन्च किया है जो स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित विभिन्न कार्यक्रमों के सफल क्रियान्वयन में महत्वूपर्ण भूमिका निभाएगा। गौरतलब है कि शिशुओं को संक्रामक बीमारियों से बचााने के लिए भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और उत्तर प्रदेश सरकार के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निर्देशन में इस कार्यक्रम का आयोजन स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त तत्वाधान में किया जा रहा है। सीडीओ आशीष कुमार ने कहा कि यह कार्यक्रम 02 सितम्बर से शुरू होने जा विशेष संचारी रोग नियत्रंण अभियान में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होने जनसामान्य से अपील की कि वे बच्चों की परवरिश में सफाई को सर्वोच्च प्राथमिकता दें जिससे शिशुओं को संक्रामक बीमारियों से बचाया जा सके।
सीएमओ डा0 मधु गैरोला ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि दुनिया भर में 79 देशों में 5 साल से कम उम्र के बच्चो की मृत्युदर 25 से अधिक है और राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 के आंकड़ों के अनुसार भारत आज भी इन आंकड़ों में बड़ा योगदान देता है, जहां प्रति 1000 बच्चो के जन्म पर 50 बच्चो की मृत्यु 5 साल से कम उम्र में हो जाती है।भारत में नवजात शिशुओं की मृत्युदर और पांच साल से कम उम्र के बच्चो में मृत्युदर की बात करें तो उत्तर प्रदेश इन आंकड़ों में योगदान देने वाला प्रमुख राज्य है। अकेले उत्तर प्रदेश में हर 1000 बच्चो के जन्मपर 64 बच्चो की मृत्यु उनके पहले जन्म दिन से पहले ही हो जाती है, जबकि 78 बच्चो की मृत्यु पांच साल से कम उम्र में हो जाती है। हर दूसरे बच्चे को सम्पूर्ण टीकाकरण नही ंमिलता, और चार में से एक बच्चे की मौत का कारण न्युमोनिया या डायरिया होता है,जिसे हाथ धोने की आसान सी आदत के द्वारा सरलता से रोका जा सकता है।
बच्चो को संक्रमण एवं बीमारियों से बचाने के लिए टीकाकारण और साबुन से हाथ धोना बेहद महत्वपूर्ण और लागत-प्रभावी हस्तक्षेप है। इन आसान से उपायों के द्वारा बच्चो, खास तौर पर पांच साल से कम उम्र के बच्चो की मृत्युदर में उल्लेखनीय कमी लाई जा सकती है। हर अभिभावक चाहता है कि उनका बच्चा स्वस्थ रहे और सफल व्यक्ति के रूप में विकसित हो। नए माता-पिताको शुरूआती बचपन के विकास के बारे में जागरुक बनाना इस परियोजना सफल शुरूआत का मुख्य उद्देश्य है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि, सभी बच्चों को समय पर सभी टीके लगाए जाएं और माता-पिता नियमित रूप से अपने हाथो ंको साबुन से अच्छी तरह धोएं। यह छोटी सी पहल बच्चो के लिए ठोस नींव के निर्माण द्वारा उनके उज्जवल भविष्य की दिशा में मार्ग प्रशस्त कर सकती है।
इस परियोजना के पहले चरण का संचालन उत्तर प्रदेश के दो जि़लों-प्रयागराज और हरदोई में किया गया, जिसके द्वारा साबुन से हाथ धोने और समय पर टीकाकरण के व्यवहार को बढ़ावा देने के लिए आधुनिक तरीकों एवं संचार के आधुनिक दृष्टिकोण को अपनाया गया। यह परियोजना 2018-19 में तकरीबन 807 गांवों के 4.5 लाख लोगों तक पहुंची। दूसरे चरण में इस परियोजना का विस्तार 12 अन्य जि़लों में किया जा रहा है जो 2019-20 में लगभग 5000 गांवों के 30 लाख लोगों तक पहुंचेगी। इन जि़लों में गोंडा, जौनपुर, सीतापुर, चंदौली, फरूख़ाबाद, प्रतापगढ़, बहराइच, गाज़ीपुर, सुल्तानपुर, बलिया, बलरामपुर और श्रावस्ती शामिल हैं।
कार्यक्रम के दौरान लघु फिल्म व लघु नाटिका के माध्यम से हाथ धोने के फायदे और न धोने से होने वाली परेशानियों को दर्शाया गया तथा लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया गया।
कार्यक्रम के दौरान बीएसए मनिराम सिंह, सफल शुरूआत कार्यक्रम की स्टेट हेड स्मिता सिंह, प्रदेश कार्यक्रम प्रबन्धक अर्चना चैधरी, गावी द वैक्ैसीन एलायन्स की कन्ट््ी प्रोग्राम मैनेजर करोल सजेटो, लाइफब्वाय की इन्डिया मैनेजर पूजा अवस्थी, डीपीएम अमरनाथ, डीसीपीएम डा0 आरपी0 सिंह, यूनीसेफ से शेषनाथ सिंह, डब्लूएचओ के प्रतिनिधि तथा ग्राम प्रधानगण उपस्थित रहे।