हेराल्ड ग्रुप के कर्मचारियों ने शुरू किया अनशन

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लखनऊ। नेशनल हेराल्ड, नवजीवन और कौमी आवाज अखबार के कर्मचारियों ने आज से प्रेस परिसर में क्रमिक अनशन शुरू कर दिया है। पहले दिन दॉ एसोसिएटेड जर्नल्स इम्प्लाइज यूनियन के भूतपूर्व महामंत्री दिलीप कुमार सिन्हा व अध्यक्ष काजिम हुसैन अनशन पर बैठे।
यूनियन के भूतपूर्व महामंत्री दिलीप कुमार सिन्हा ने एक विज्ञप्ति में कहा है कि कर्मचारी अपनी सात सूत्रीय मांगों के समर्थन में क्रमिक अनशन कर रहे है और मांगे पूरी न होने तक यह आंदोलन जारी रहेगा। इस आंदोलन के तहत सबसे पहले वोरा की शेयर होल्डरों की बैठक न होने देना, वोरा का घेराव करना, फिर दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय और जंतरमंतर पर धरना-प्रर्दशन, क्र्रमिक अनशन, अमरण अनशन के बाद भी मांगे पूरी न होने पर सोनिया गांधी के निवास-दस जनपथ पर आत्मदाह का क्रार्यक्रम है। दिलीप कुमार सिन्हा ने आरोप लगाया है कि एसोसिएटेड जर्नल्स प्रा. लिमिटेड कम्पनी इन समाचारों का प्रकाशन बन्द करने के बाद उसकी करोड़ों की सम्पत्ति हजम करने के लिए हर हथकण्ड़े अपना रही है। इसी सिलसिले में एजेएल कम्पनी के चेयरमैंन वोरा 21 जनवरी को राजधानी आ रहे है और लखनऊ में हेराल्ड की सम्पति को औने-पौने में यंग इंडिया के नाम करवाकर बेचने के लिए षडयंत्र रच रहे है। उन्होंने बताया कि कर्मचारियों की मुख्य मांग नेशनल हेराल्ड घोटाले की सीबीआई जांच कराने, नेशनल हेराल्ड, नवजीवन और कौमी आवाज की सम्पति यंग इंडिया से वापस लेकर अखबारों को पुन: शुरू करके कर्मचारियों को समायोजित करने, लखनऊ हेड आफिस के कर्मचारियों को दिल्ली ब्रांच आफिस में दिए गए हित लाभ देने, हेड आफिस को बन्द किए गए दि0 2005 के पश्चात दिल्ली ब्रांच आफिस के बन्द होने तक का अन्तर वेतन भुगतान करने और बन्दी समय के भुगतान का भविष्य निधि अंशदान देने की है। बतातें चलें कि कम्पनी के प्रबन्ध निदेशक मोती लाल वोरा ने 21 जनवरी को राजधानी में कैसरबाग के बिश्वेरनाथ रोड़ स्थित मुख्य कार्यालय में कम्पनी के सभी बोर्ड के सदस्यों की एक विशेष आम सभा बुलाई है।
ज्ञातव्य है कि भाजपा के सुब्रमणियम स्वामी ने नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र समूह की 5000 करोड़ की सम्पत्ति यंग इण्डिया लिमिटेड के नाम करने का मुकदमा कर रखा है जिस पर मालिकाना हक सोनिया और राहुल का है। स्वामी ने सोनिया गांधी व राहुल गांधी के अलावा मोती लाल वोरा, ऑस्कर फर्नाडिज, सेम पित्रोदा और सुमन दुबे को आरोपी बनाया है। इन सभी पर आरोप है कि षडय़ंत्र रचकर और यंग इडिंया के नाम से एक कम्पनी बनाकर नेशनल हेराल्ड अखबार की पब्लिशर एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड कम्पनी को अपने कब्जे में कर लिया है। इससे करीब 90 करोड़ रूपए की सम्पत्ति का अधिकार यंग इडिया को मिल गया है और अब नेशनल हेराल्ड की सारी सम्पत्ति यंग इंडिया को टांसफर करने का कुचक्र रचा जा रहा है। अनशन स्थल पर सर्वश्री काजिम हुसैन, राकेशमणि पाण्डेय,मोहम्मद शाहिद आदि ने अपने विचार रखें।
इंण्डियन फेडेरेषन ऑफ वर्किंग जर्नालिस्ट के सचिव हेमन्त तिवारी और उत्तर प्रदेश राज्य मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के सचिव सिद्धार्थ कलहंस ने नेशनल हेरल्ड कर्मियों के आंदोलन के समर्थन का एलान किया है और हर तरह से सहयोग करने की पेशकश की है।