उत्पाती बंदरो को विदेश भेजने का रास्ता हो साफ

Thief-Monkey

शिमला। राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से बंदरों के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटाने के साथ ही प्रदेश को इनके निर्यात की अनुमति देने की मांग की है। इसको लेकर वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी ने नए सिरे से एक पत्र केंद्र को भेजा है। वन मंत्री ने कहा कि बंदरों के निर्यात होने से प्रदेश में इनमें बढ़ते आतंक से राहत मिल सकेगी। प्रदेश में बंदरों व अन्य जंगली जानवरों के आतंक के कारण प्रदेश वासियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आए दिन बंदरों के काटने की खबरे राज्य के हर कोने से आती रहती हैं। कई लोग तो बंदरों के हमले से घायल तक हुए हैं। ये बच्चों व महिलाओं पर हमले अधिक करते हैं। आए दिन इनके बढ़ते आतंक के कारण प्रदेशवासी तथा स्वयंसेवी संस्थाएं इस मामले को उठाती रही हैं लेकिन अभी तक इनसे निपटने के लिए सरकार कोई भी कारगर उपाय नहीं कर पाई है। स्वयंसेवी संस्थाएं जहां इनके निर्यात की मांग करती रही हैं, वहीं इन्हें वर्मिन घोषित करने तथा इन्हें मारने की अनुमति लोगों को देने की भी मांग करती रही हैं। लोगों की मांग के बावजूद अभी तक बंदरों के आतंक से निपटने के लिए सरकार व विभाग प्रभावी कदम नहीं उठा पाए हंै। विभाग ने प्रदेश में बंदरों की नसबंदी के लिए केंद्र खोले हैं लेकिन इसके अभी तात्कालिक सार्थक परिणाम सामने नहीं आए हैं। इनके आतंक के कारण लोगों ने खेती तक करना छोड़ दिया है। वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी ने कहा कि केंद्र को पत्र लिखकर बंदरों के निर्यात की अनुमति मांगी है। उन्होंने कहा कि बंदरों के आतंक से लोगों को राहत देने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने बंदरों के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटाने तथा इसे वर्मिन घोषित करने का मामला केंद्र सरकार से प्रभावी तरीके से उठाया है। एजेंसी