अभी भी अंधेरे में है शहीद पथ

shaheed path
लखनऊ। प्रशासनिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों की लापरवाही व हीला-हवाली के चलते अंधेरे एवं सुनसान शहीद पथ पर होने वाले हादसों में लगातर इजाफा हो रहा है। इतना सब कुछ जानते हुए भी जिम्मेदार महकमे एक दूसरे पर जिम्मेदारी डाल कर पल्ला झाङऩे में लगे हुए है। इस मार्ग पर कई महीनों से स्ट्रीट लाइट लगाने का काम हो रहा है पर अभी तक काम पूरा नहीं हुआ।
इस सम्बन्ध में मंडलायुक्त का कहना है कि शहीद पथ पर उजाले की व्यवस्था की जिम्मेदारी राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की है, वही प्राधिकरण इसके लिए नगर निगम को जि मेदार ठहरा रहा है। नगर निगम अपनी जि मेदारी सीमित है कह कर पल्ला झाड़ रहा है। महकमों की आपसी टालमटोल व हीला-हवाली के चलते शहीद पथ का अंधेरा दूर होता नजर नहीं आ रहा है। शहीद पथ पर अंधेरे के कारण होने वाले हादसो को देखते हुए उच्च न्यायालय ने 4 अप्रैल 2014 को शहीद पथ पर प्रकाश व्यवस्था करने के आदेश दिये थे लेकिन जि मेदार विभागों की लापरवाही के चलते शहीद पथ आज तक अंधेरे में डूबा हुआ है। 23 किलोमीटर ल बा मार्ग अंधेरे में डूबने के कारण आये दिन कोई न कोई हादसा होता रहता है लेकिन जि मेदार विभाग इससे कोई सबक नहीं लेते है। इतना ही नहीं अंधेरे में डूबा शहीद पथ अपराधियों के लिए सुरक्षित स्थान बन चुका है। छह थाना क्षेत्रों की सीमा से जुङा शहीद पथ लुटपाट एवं हत्या कर शव को ठिकाने लगाने की दृष्टि से अपराधियों का पसंदीदा स्थल भी बन चुका है।