चीनी की जगह मिलें एथनाल उत्पादन पर जोर दें: गडकरी

Nitin-Gadkariनई दिल्ली। चीनी उद्योग को वित्तीय संकट से उबारने के लिए सरकार ने दीर्घकालिक योजना तैयार की है। इसके तहत मिलों को चीनी की जगह एथनाल उत्पादन पर जोर देने को कहा गया है। एथनाल की खपत बढ़ाने के लिए सरकार आटोमोबाइल नियमों में संशोधन करने को राजी है।
केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नीतिन गडकरी ने कहा कि चीनी उद्योग को उबारने के लिए सरकार तैयार पूरी तरह है, लेकिन चीनी की जगह मिलें एथनाल उत्पादन बढ़ाने पर जोर दें। गडकरी इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) की वार्षिक आम बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि पर्यावरण प्रदूषण की गंभीर समस्या को देखते हुए सरकार अगले महीने आटो वाहन निर्माता कंपनियों को मिश्रित ईंधन से चलने वाले वाहनों के निर्माण करने की घोषणा करेगी। गडकरी ने चीनी उद्योग से कहा कि एक बार ऐसे विशेष वाहनों का निर्माण शुरु हो गया तो फिर उद्योग को भी उनकी मांग के अनुरूप एथनाल उत्पादन बढ़ाना होगा। ऐसे वाहनों को सौ फीसद एथनाल अथवा सौ फीसद पेट्रोल से चलाया जा सकेगा। 26 जनवरी से पहले इसकी घोषणा कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि एथनाल वाले वाहनों के आ जाने से न सिर्फ पेट्रोलियम आयात कम हो जाएगा, बल्कि प्रदूषण की समस्या से भी निजात मिल जाएगी। एथनाल से 80 फीसद तक कार्बन उत्सर्जन कम होता है। गडकरी ने जर्मन कार कंपनी फाक्सवैगन से बात की है, जो वहां की सबसे बड़ी मिश्रित ईंधन से चलने वाली कार बनाती है। उन्होंने कहा कि चीनी उद्योग को अपना अस्तित्व बचाने के लिए एथनाल उत्पादन बढ़ाने पर जोर देने की जरूरत है।