स्वामी की जगह लेंगे गयाचरण दिनकर

bspलखनऊ। बहुजन समाज पार्टी के विधायक गयाचरण दिनकर विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष बनेंगे। बसपा मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, मायावती ने गयाचरण दिनकर के नाम को हरी झंडी दे दी है। आज उनके नामपर मुहर लग जाएगी।
गौरतलब है कि स्वामी प्रसाद मौर्य के पार्टी छोडऩे के बाद से नेता विरोधी दल का पद खाली है। इसको लेकर मायावती आज बैठक करने जा रही हैं। इस बैठक में हालांकि इंद्रजीत सरोज के नेता विरोधी दल बनाए जाने की अटकलों को अब विराम लगता हुआ दिख रहा है। गयाचरण दिनकर उत्तर प्रदेश विधानसभा में बसपा विधायक दल के उपनेता हैं। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी और विधायक गयाचरण दिनकर में ट्यूनिंग भी बहुत बेहतर है।
हाल ही में उत्तर प्रदेश की विधानसभा में बसपा विधायक दल के उपनेता और बांदा जिले की नरैनी विधानसभा सीट से विधायक गयाचरण दिनकर ने बेतुका-सा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि बहुजन समाज की महिलाएं पढ़ी-लिखी नहीं है और अन्य वर्ग की महिलाओं से बसपा को कोई फायदा होने वाला नहीं है, इसलिए बसपा में महिलाओं को कम टिकट दिया जाता है।
वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव में बाबू सिंह कुशवाहा ने अपनी ही पार्टी (बसपा) के उम्मीदवार गयाचरण दिनकर (अब नरैनी विधायक व विधानमंडल में बसपा विधायक दल के उपनेता) को बबेरू सीट से हरवाकर सपा उम्मीदवार विश्वम्भर सिंह को जिताने में अहम भूमिका निभाई थी। यह आरोप चार जनवरी, 2008 को हुई चुनावी समीक्षा में दिनकर ने मायावती के समक्ष लगाया था।
बस्ती जिले से पूर्व बसपा नेता उदयभान बताते हैं कि गयाचरण दिनकर पुराने रणनीतिकार हैं। वह कांशीराम के साथ भी काम कर चुके हैं। उनकी हिन्दी और अंग्रेजी दोनों पर अच्छी पकड़ है। वह संसदीय मामलों के जानकार भी हैं। कांशीराम के काफी करीबियों में जो लोग बसपा में हैं, उनमें से दिनकर काफी सीनियर और अनुभवी हैं।
दिनकर की यह भी खासियत है कि वह तीन बार सामान्य सीट से भी विधायक चुने गए हैं। कुल मिलाकर देखा जाए तो बसपा के विधायक धर्मपाल सैनी और इंद्रजीत सरोज जो नेता विरोधी दल के रूप में आगे चल रहे थे, उनसे भी काफी सीनियर नेता हैं। गयाचरण दिनकर काफी मिलनसार भी हैं और उनका पहनावा भी बहुत साधारण होता है।