केन्द्रीय कर्मियों की हो गयी जी बल्ले-बल्ले

arun-jaitley-presents-budgetनई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने का निर्णय ले लिया। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ एक करोड़ से अधिक सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को मिलेगा। वित्त मंत्री ने कहा कि सिफारिशें लागू करने से सरकारी खर्च में 1,02,100 करोड़ रुपए की वृद्धि होने का अनुमान है और इससे सरकार परेशान नहीं है।
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा यहां सिफारिशों को मंजूरी दिए जाने के बाद जेटली ने संवाददाताओं से कहा, मैंने इस राशि का प्रावधान बजट में कर दिया है। इसलिए यह राशि परेशान करने वाली नहीं है।
उन्होंने कहा, लाभार्थियों में 47 लाख सरकारी कर्मचारी और 53 लाख पेंशनभोगी हैं। इसमें से रक्षा क्षेत्र में 14 लाख सेवारत रक्षाकर्मी और 18 लाख वेतनभोगी हैं। सरकार ने मोटे तौर पर सिफारिशों को स्वीकार कर लेने का फैसला किया है। यह एक जनवरी, 2016 से प्रभावी होगी।
उन्होंने कहा, अब सरकारी कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपये प्रति माह होगा। बकाए का भुगतान इसी वर्ष किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सिफारिशें इस आधार पर मंजूर की गई हैं कि सरकारी कर्मचारी का वेतन सम्मानजनक होना चाहिए। इससे सरकार को सर्वोत्तम प्रतिभा आकर्षित करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का फैसला पहले की तुलना में अधिक तेजी से किया है। पांचवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का फैसला 19 महीने बाद और छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का फैसला 32 महीने बाद लिया गया था।
सातवें वेतन आयोग के बारे में उन्होंने कहा कि सरकार ने एक जनवरी, 2016 से ही इसकी सिफारिशों को लागू करने का फैसला किया है। मंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा कि सिफारिशों को लागू करने से बाजार में तरलता बढ़ेगी और इससे मांग में भी वृद्धि होगी, जो बाजार के लिए अच्छा है।
उन्होंने कहा ग्रेच्युइटी की सीमा दोगुनी कर 20 लाख रुपये और आवासीय भत्ता 7.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दिया गया है। आयोग की सिफारिशों में कैबिनेट सचिव और समकक्ष पदों का वेतन प्रतिमाह 2,50,000 रुपये कर दिया गया है। सरकार ने वेतन आयोग की अनुशंसाओं पर विचार के लिए कैबिनेट सचिव पी.के. सिन्हा के नेतृत्व में इस साल जनवरी में अधिकार प्राप्त समिति का गठन किया था।