पेट में अगर हो बिल्कुल पीरियड जैसा पेन, तो जरुर पढ़े इसके कारणों को

perioudहेल्थ डेस्क। ऐसा कभी ना कभी जरुर होता है जब लड़कियां अपने पीरियड्स मिस कर देती हैं। वह यह भी समझती हैं कि यह कोई प्रेगनेंसी का केस नहीं है मगर फिर भी वह चिंता में डूब जाती हैं।
पीरियड में लेट होना कोई खास चिंता का कारण नहीं होता। लेकिन अगर आपके पेट में बिल्कुल वैसा ही दर्द हो रहा हो, जैसा मासिक धर्म शुरु होने से पहले होता है, तो चिंता का कारण हो सकता है।
तो अगर आप को समझ में नहीं आ रहा है कि ऐसा क्यूं हो रहा है तो आइये जानते हैं इसके पीछे छुपे कारण के बारे में…
प्रेगनेंसी अगर डेट आने वाली है मगर आ नहीं रही है और साथ ही साथ पेट में दर्द भी हो रहा है, तो चांस है कि आप प्रेगनेंट हो गई हों। गर्भावस्था के शुरुआती चरणों में गर्भाशय भ्रूण के विकास के लिए तैयार होता है। इस दौरान पेट में ऐंठन होती है और हल्की सी स्पॉटिंग भी होती है। हो सकता है कि आपके ब्रेस्ट में सूजन और कडापन भी हो जाए। आप चाहें तो खुद का प्रेगनेंसी टेस्ट करवा सकती हैं।
लेट पीरियड का संकेत हो सकता है कि आपके पीरियड लेट हो गए हों और ओव्यूलेशन के कारण दर्द हो रहा हो। कई लड़कियां ऐसी होती हैं जिनके पीरियड्स हमेशा अनियमित होते हैं। कभी पीरियड जल्दी, देर से या फिर उस महीने आते ही नहीं हैं। इससे दर्द का सही पता नहीं चल पाता।
मेनोपॉज मेनोपॉज के समय, आप का मासिक अनियमित हो जाता है या फिर कई महीनों तक नहीं होता। लेकिन आपको इस दौरान ऐंठन महसूस हो सकती है और लग सकता है कि ब्लीडिंग हो रही है पर ऐसा होता नहीं। ऐसा इसलिये हो सकता है कि आपके शरीर में प्रजनन हार्मोन अब अस्थिर हो रहे हों और धीरे धीरे कम हो रहे हों।
अगर भ्रूण फैलोपियन ट्यूब के अंदर ग्रो करने लगे इस गर्भावस्था को अस्थानिक गर्भावस्था कहते हैं, जिसमें भ्रूण गर्भाशय की जगह फैलोपियन ट्यूब के अंदर ग्रो करने लगता है। इस दौरान पेट में पीरियड जैसा ही दर्द होता है इसलिये अक्सर लड़कियां धोखा खा जाती हैं।
ओवेरियन सिस्ट ओवेरियन टिशू के अंदर कुछ ऐसे सिस्ट बन जाते हैं जो,पीरियड जैसा दर्द महसूस करवाते हैं मगर वह पीरियड नहीं होता। इस तहर के सिस्ट को फोलीकुलर साइस्ट कहते हैं। माना जाता है कि इस तरह के सिस्ट से अंडे रिलीज़ होते हैं। दूसरे प्रकार की सिस्ट का नाम कॉर्पस लूटियम सिस्ट होता है, जो तब बनती है जब ओवरी में से अंडे रिलीज हो चुके होते हैं। इन सिस्टों के लिये किसी भी प्रकार के ट्रीटमेंट की आवश्यकता नहीं होती बल्कि यह कुछ ही दिनों में अपने आप ही खतम हो जाती हैं।