यूपी में साम्प्रदायिक ताकतें कर रही हैं उछलकूद: चौधरी

leader-rajendra-chaudhryलखनऊ। समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में जातिवादी और सांप्रदायिक ताकतों ने उछलकूद शुरु कर दी है। जिनका प्रदेश के भूगोल-इतिहास से तनिक भी परिचय नही हैं वे भी यहाँ राजनीति के दावेदार बन रहे हैं। दूसरे प्रदेशों से आयातित चेहरों के सहारे प्रदेश के मतदाताओं को बरगलाने और बहकाने की साजिशों में लगी पार्टियों को यह जानना चाहिए कि प्रदेश की जनता बहुत सूझबूझ रखती है और वह अब किसी के भ्रमजाल में फँसने वाली नही है।
समाजवादी सरकार को छोड़कर अन्य विपक्षी पार्टियों की सरकारों ने प्रदेश में किसानों और गाँवो की जबर्दस्त उपेक्षा की। नौजवानों की शिक्षा और रोजगार पर ध्यान नही दिया। बीमारी के इलाज की व्यवस्था भी पंगु बनी रही। बिजली, सड़क, पानी जैसी मूलभूत आवश्यकताओं की अनदेखी की गई।
जबसे समाजवादी सरकार बनी है तब से ही मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव द्वारा कृषि पर बजट की 80 प्रतिशत धनराशि खर्च की गई है। किसानों की कर्ज माफी, फसल बीमा, आपदा राहत के साथ पेंशन की व्यवस्था की गई है। गरीब महिलाओं के लिए समाजवादी पेंशन की व्यवस्था है। महिलाओं की सुरक्षा के लिए 1090 वूमेन पावर लाइन सेवा शुरु की गई है। घायलों के इलाज के लिए 108 समाजवादी एम्बूलेन्स सेवा शुरु की गई है। नौजवानों के लिए कौशल विकास मिशन बना है। छात्र-छात्राओं को लैपटॉप तथा कन्या विद्याधन दिया गया है। व्यापारियों, अधिवक्ताओं के कल्याण की तमाम योजनांए लागू की गई है। प्रदेश में बाहर से पूँजी निवेश हो रहा है और बिजली तथा उद्योग की दिशा में प्रभावी कदम उठाए गए हैं।
अखिलेश यादव के जनहित में किये गए तमाम विकास कार्यो के फलस्वरुप जनता में उनके प्रति भरोसा बढ़ा है और सरकार की लोकप्रियता में वृद्धि हुई है। अब भाजपा, बसपा और कांग्रेस में हताशा है क्योंकि इन्होंने प्रदेश के विकास में सिवाय अवरोध पैदा करने के और कुछ नही किया है। सरकार के खिलाफ कोई मुद्दा नही होने से ये दल सामाजिक सौहार्द बिगाडऩे, प्रदेश की जनता को बदनाम करने और अनर्गल बयानबाजी करने में लग जाते हैं। समाजवादी पार्टी के विरोध में वे ताकतें हैं जो समाजवादी, लोकतंत्र और धर्म निरपेक्षता की विरोधी हैं। उत्तर प्रदेश को कमजोर करना उनका लक्ष्य हैं। लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ करने में विपक्षी दल चाहे जितनी चालें अब उत्तर प्रदेश में उनकी दाल गलने वाली नही है।