डीजीपी साहब ! दलालों से गुलजार रहती है कोतवाली

up police
सुलतानपुर। नगर कोतवाली एक बार फिर दलालों से गुलजार हो गई। इससे न सिर्फ पुलिस का इकबाल जमींदोज हुआ है वहीं दूसरी तरफ फरियादियों की गोहार नक्कार खाने में तूती की तरह गंूज रही है। ऐसे में फरियादियों का भी विश्वास मित्र पुलिस से उठता जा रहा है।
नगर कोतवाली में दूसरी पारी खेल रहे साहब के काम में हाथ बटाने के लिए दाढ़ी वाले भाई की खूब चर्चा है। फरियादियों का प्रकरण मेज पर जाने से पहले साहब के दांये बैठे दलाल भाई के पास दरख्वास्त पहुंचती है। उक्त दरख्वास्त पर दोनों पक्षों को बुलाकर काउन्सिलिंग की मथनी मथी जाती है। यह तब तक जारी रहता है जब तक मक्खन नहीं निकल जाता। कभी-कभी तो सीयूजी नम्बर से पहले ही दाड़ी वाले भाई जान का फोन की घण्टी दूसरी पार्टी के मोबाइल पर घनघना जाती है। कई बार तो अपराधियों को पकडऩे गई पुलिस को बैरंग वापस लौटना पड़ा है। ऐसा नहीं है कि कोतवाली की चल रही दुकान की कमाई की चर्चा ऊपर तक नहीं है। शाम पांच से नौ अक्सर भाई-जान कुर्सी संभालते हैं। छुट भैय्ये गुन्डों के बीच भाई-जान का मोबाइल नम्बर खूब वायरल हो रहा है। अन्दर खाने की खबर यह है सब्जी में आलू के माफिक दलाल भाई की भूमिका तकरीबन हर मामले में मौजॅू रहती है। बताते चलें साहब के दांये बाजू की कुर्सी पर बैठे भाईजान एक जमाने में पूर्व सांसद के खैरमक्दम में बाअदब से पेश आते थे। अब वही जनाब जनता दरबार का पर्सनल रिलेशन नगर कोतवाली में कैश कराया जा रहा है। गौरतलब है कि हर थाने में घुसते ही लिखा रहता है कि ”दलालों का प्रवेश वर्जित हैÓÓ लेकिन भाई-जान हैं कि वर्दी धारियों के कहकहे को दूसरी पारी में भी जमींदोज किये हुए हैं।