लांच से पहले विवादों में आयी रिलायंस जियो 4जी सर्विस

reliance jioबिजनेस डेस्क। रिलायंस इंडस्ट्रीज की महत्वाकांक्षी 4जी सर्विस लाँच होने से पहले ही विवाद शुरू हो गया है। टेलीकॉम कंपनियों के संगठन सेल्युलर आपरेटर एसोसिएशन आफ इंडिया (सीओएआई) ने मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस जियो पर कानून के उल्लंघन का आरोप लगाया है। जियो ने पलटवार करते हुए कहा कि इन आरोपों का कोई आधार नहीं है। कंपनी के मुताबिक सीओएआई के आरोपों में स चाई नहीं है और ये केवल जियो को बदनाम करने के लिए लगाए गए हैं। कंपनी का कहना है कि मौजूदा आपरेटरों ने निहित हितों के चलते आरोप लगाए हैं। जियो के अनुसार बाजार में जियो की एंट्री रोकने के लिए सीओएआई ने पिछले कुछ दिनों में कई कदम उठाए हैं। जियो पर रोक की मांग सीओएआई ने सोमवार को संचार मंत्रालय को पत्र लिखकर मांग की थी कि वह रिलायंस जियो से 15 लाख कनेक्शन पर फौरन रोक लगाने के लिए कहे। सीओएआई के मुताबिक कंपनी ने टेस्ट के नाम पर ग्राहकों को फुल सर्विस ऑफर की है। सीओएआई के सदस्यों में भारती एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया जैसी कंपनियां शामिल हैं। रिलायंस जियो भी सीओएआई की सदस्य है।1.34 लाख करोड़ खर्च रिलायंस जियो के मुताबिक यह पत्र कंपनियों ने अपने हितों को ध्यान में रखकर लिखा है। कंपनी ने कहा है कि बिना आधार के सीओएआई ऐसे कैंपेन से जियो और ट्राई को बदनाम कर रहा है। कंपनी के मुताबिक उसने 1.34 लाख करोड़ का निवेश करके दुनिया का सबसे बड़ा आईपी नेटवर्क खड़ा किया है। एक बार लॉन्च होने के बाद यह 18 हजार शहर और 2 लाख गावों को कवर करेगा। जल्द ही कवरेज बढ़ाकर इसे देश की 90 फीसदी जनता तक पहुंचाया जाएगा। 3 महीने का फ्री आफर सीओएआई ने तब पत्र लिखा जब कंपनी इस महीने सेवाएं लॉन्च करने वाली है। कंपनी फिलहाल लाइफ के 20 मॉडल और सैमसंग के 14 स्मार्टफोन पर ट्रायल कर रही है। ये हैंडसेट्स खरीदने वालों को कंपनी 3 महीने तक अनलिमिटेड डेटा और कॉलिंग सर्विस फ्री दे रही है। ऐसी खबरे हैं कि यह आफर आम ग्राहकों को भी दिया जाएगा। ट्राई को जानकारी इस तरह के बड़े नेटवर्क को देखते हुए नेटवर्क के टेस्ट ट्रायल की जरूरत है। टेक्नोलॉजी और सर्विस की टेस्टिंग जरूरी हैए ताकि क्वालिटी सर्विस दी जा सके। रिलायंस जियो के मुताबिक उसने टेस्ट ट्रायल की प्रक्रिया और जरूरत की जानकारी दूरसंचार विभाग और ट्राई को दी थी। कंपनी का कहना है कि यह टेस्ट ट्रायल लाइसेंस की शर्तों के मुताबिक है। कंपनी ने कहा कि उनके टेस्ट और ट्रायल यूनीफाइड लाइसेंस की शर्तों के मुताबिक हैं। आयूसी चार्ज पर भी विवाद रिलायंस जियो ने बिना किसी कंपनी का नाम लेते हुए कहा कि सीओएआई की तीन बड़ी सदस्य कंपनियां आईयूसी चार्ज घटाने का विरोध कर रही हैं। इन तीनों कंपनियों का बाजार पर 65 फीसदी कब्जा है। बचे 35 फीसदी लोग 65 फीसदी को ज्यादा कॉल कर रहे हैं। इन कंपनियों के पास आईयूसी का ज्यादा हिस्सा आता है। इससे बचे हुए और नए आपरेटरों का दम घुट जाएगा। तेज हुई प्रतिस्पर्धा रिलायंस जियो की सेवा लाँच होने से पहले ही एयरटेल और वोडाफोन जैसी कंपनियों ने डेटा के चार्ज 67 फीसदी तक घटा दिए हैं। एयरटेल ने कुछ प्लान में अनलिमेटेड कॉल की सुविधा भी दी है।