यूपी में पैर जमाने को ओवैसी ने खेला मुस्लिम शिक्षा का कार्ड

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लखनऊ (आरएनएस)। राजधानी में शनिवार को हैदराबाद के बैरिस्टर व सांसद असदउद्दीन ओवैसी ने कंवेंशन सेन्टर चौक में जम कर विपक्षी दलों पर हमला बोला । अपनी पार्टी ऑल इण्डिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्समीन के बीज उत्तर प्रदेश में बोने आये ओवैसी ने अब समझ लिया है कि मुसलमानों के पिछड़ेपन का कारण शिक्षा है शायद इसीलिये आज उनकें आंकड़ों में देश और प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था रही ।
दलित और मुस्लिम कार्ड खेल रहे ओवैसी ने सबसे पहला हमला अखिलेश पर बोलते हुए कहा कि इनके राज में दलितों और मुसलमानों की शिक्षा पिछड़ गयी है ये हमसे डरते है इसीलिये मीटिंग की इजाजत नहीं दे रहें थे । लखनऊ सांसद राजनाथ सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि संसद में मैं उनकीं आंख में आंख डाल कर बात करता हूं पर वो नहीं चाहते कि मैं उनकें घर आऊ। सपा और भाजपा पर मिलीभगत का सवाल उठाते हुए कहा कि जब संसद में सवाल पूछ सकता हूं तो लखनऊ में क्यों नहीं ? हमलें को और तीखा करते हुए बोले कि ये नहीं चाहते कि मेरे ईने से इनका वोटबैंक खिसक जाये ।
उन्होनें कहा कि लोग मुझें कडवा बोलने वाला कहते है पर क्या और लोग बोलतें है तो फूल व मिठाईयां झडती है । लोग मुझ पर जातिवादी होने का इलजाम लगातें है पर मैं आजादी के 70 साल बीत जीने पर भी जो गरीब मजलूम और पिछड़े रह गये, उनकीं आवाज उठाता हूं । मुझ पर भडकाऊ भाषण का आरोप लगाते है पर वो कौन होते है खुद को पाक साफ साबित करने वाले ? मुझ पर फिरकापरस्ती का इलजाम लगाने वाले देख ले कि खुद उनकें सर नंगे है ।
पूरी निपूर्णता से भाषण दे रहे ओवैसी ने कहा कि भारत का संविधान हमें अपनी बात कहने और वोट देने का हक देता है तब हम अपनी बात क्यों न कहे ? जब मैं बोलता हूं तो मेरे अन्दर से 70 सालों से बेहाल मुसलमानों का दर्द बोलता है।
पंद्रह अगस्त को तिरंगा लहराने और जन गण मन गायेंगे कहते हुए उन्होनें कहा कि आजादी के लिये पहला कतऱा मौलानाओं के फतवे देने के बाद मुसलमानों ने ही बहाया । अंग्रेजों की लाठियॉ गोलियां मुसलमानों ने भी खायी तब जा कर देश को आजादी मिली पर स्वतंत्रता मिलने के बाद क्या हुआ ? नेहरु, इंदिरा, जनता दल पर विश्वास किया नतीजा सिफर रहा फिर बाबरी मस्जिद शहीद होने के बाद यूपी में मुलायम, बिहार में लालू, महाराष्ट्र में शरद पवार, नायडू पर मुसलमानों ने भरोसा किया पर हमें क्या मिला ?
साक्षरता के आंकड़ों की बात करते हुए कहा कि 2011 की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में पुरुषों की साक्षरता दर 82: थी तो वही मुसलमानों की शिक्षा दर 68: क्यों रह गयी ? कार्यकर्ताओं से सवाल पूछतें हुए कहा कि तुम सब ने वोट दिया ? सबके हॉ करने पर बोले कि जब तुमने सांसद, विधायक व मंत्री बनवाये तो तुम शिक्षा में पिछड़ कैसे गये ।
आये हुए कार्यकर्ताओं को पूरी तरह शीशे में उतारते हुए कहा कि अब सपा, बसपा कांग्रेस के पीछे भागना बंद करके एआईएमआईएम को जिताओं पार्टी हर वक्त हर कार्यकर्ता का ध्यान रखेगी ।
मुस्लिम शिक्षा पर पूरा होमवर्क करके आये ओवैसी ने कहा कि मुस्लिम बस्ती में जाओ तो स्कूल नहीं थाना मिलता है, अस्पताल नहीं नालियां मिलती है । इन राजनीतिक दलों ने अब तक मुस्लिम वोटो का तो इस्तेमाल किया पर इनकी शिक्षा पर कभी कुछ नहीं किया क्योकिं ये जानते थे कि अनपढ़ मुस्लिम केवल वोट देने के काम आता है। सभी सियासी पार्टियों को एक साथ लपेटते हुए सवाल दागा कि मदरसों की चिन्ता न करे उसे हम संभाल लेंगे । सभी दलों को मुस्लिम शिक्षा पर खुली चुनौती देते हुए कहा कि सपा बसपा के राज में मुस्लिम शिक्षा में दो फीसदी की गिरावट आ गयी और ये मुसलमानों के हितैषी बने फिरते है । पार्टी कार्यकर्ताओं को निर्देश देते हुए कहा कि जब हमारे विधायक उत्तर प्रदेश की विधानसभा में जाये तो वो स्कूल कालेजों के लिये सदन में आवाज उठाये ।
सपा सरकार पर करारा हमलावर होते हुए कहा कि यूपी के हर थाने में मुलायम का रिश्तेदार मिल जायेगा, पहले पुलिस भैंस ढ़ूंढ़ती थी अब कल्लू का कुत्ता ढ़ूंढ रही है गुंडागर्दी कम नहीं हो रही । ये समाजवाद नहीं कोरा यादववाद है ।
ओवैसी ने आज मुस्लिम शिक्षा का नया कार्ड खेल कर मुसलमानों को और दलों से तोडने की भरपूर कोशिश की परंतु ये आजमाईश 2017 के चुनाव में मुस्लिम वोटो को कौन सा रुख दिखायेगी ये तो आने वाला समय ही बतायेंगा ।