जल्लीकट्टू विवाद गहराया: पीएम के खिलाफ लगे नारे

jalikattuचेन्नई। जल्लीकट्टू के आयोजन प्रतिबन्ध को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाथ खड़े करने से नाराज प्रदर्शनकारी भड़क गए हैं। चेन्नई में मोदी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। दरअसल, गुरुवार को जलीकट्टू पर अध्यादेश लाने के अनुरोध को लेकर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम ने गुरुवार को प्रधानमंत्री से मुलाक़ात की। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ जाने से प्रधानमंत्री ने मना कर दिया। पिछले दिनों क्कश्वञ्ज्र की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जलीकट्टू में पशुओं के साथ खेले जाने वाले पारंपरिक खेल को प्रतिबंधित कर दिया था। इसके बाद तमिलनाडु समेत पूरे राज्य में फैसले का विरोध हो रहा है।
ओ पनीरसेल्वम के सतह मुलाकात में मोदी ने दलील दी कि मामला कोर्ट में लंबित होने की वजह से वह इस पर अध्यादेश नहीं ला सकते। यह खबर बाहर आने पर तमिलनाडु में प्रदर्शनकारी उग्र हो गए हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पोंगल के दौरान जलीकट्टू का आयोजन उनकी संस्कृति है। इस पर तत्काल प्रतिबन्ध हटाया जाए।
मोदी ने मुलाकात में जलीकट्टू के सांस्कृतिक अहमियत की तारीफ की और तमिलनाडु सरकार को हर तरह की मदद का भरोसा दिया। हालांकि, प्रधानमंत्री के फैसले को तमिल संस्कृति की खिलाफत माना जा रहा है। प्रदर्शनकारियों ने न केवल मोदी, बल्कि पन्नीरसेल्वम, एआईएडीएमके चीफ शशिकला और केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी के खिलाफ भी नारेबाजी की।
तमिलनाडु में हर साल पोंगल के दौरान जल्लीकट्टू के आयोजन की परंपरा है। यह एक तरह से पशुओं को काबू करने का खेल है। इसमें बेकाबू सांड को ताकत के जरिए काबू में किया जाता है। हालांकि पेटा ने पशु हिंसा को लेकर इसके खिलाफ याचिका दायर की और इसे प्रतिबंधित करने की मांग की। सुप्रीम कोर्ट का फैसला इसी याचिका पर आया था। तमिलनाडु की विपक्षी पार्टियां इस फैसले का विरोध कर रही हैं।