लखनऊ। मुलायम की छोटी बहू के बुलावे पर कान्हा उपवन गौशाला देखने गए सीएम योगी को नहीं बताया गया कि ये नगर निगम की ज़मीन पर सपा सरकार द्वारा कराया गया क़ब्ज़ा है। मुलायम के बेटे-बहू का नगर निगम लखनऊ की 54 एकड़ हथिया ली गयी है। यह भूमि नगर निगम का स्वामित्व है परंतु क़ब्ज़ा मुलायम के बेटे व बहू का है।
नगर निगम ने इस एनीमल शेल्टर का निर्माण लावारिस पशुओं को रखने के लिए किया था। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने 7 अगस्त, 2010 को इसका उद्घाटन किया था। अखिलेश सरकार ने बिना किसी विज्ञापन निकाले यह शेल्टर हाउस मुलायम के बेटे-बहू के जीव अश्रालय नामक एनजीओ को 54 एकड़ जमीन व बिल्डिंग लांग टर्म लीज पर आज़म ख़ान के निर्देश पर नगर विकास विभाग द्वारा दे दी गयी। इस जमीन पर खेतीबाड़ी होती है व पशु चारा बनाने का प्लांट लगा है। इसमें शानदार बिल्डिंग बनी हैं। एक अस्पताल है। कुछ लावारिस पशु भी रखे जाते हैं परंतु यह कोई गोशाला नहीं है। जिस दिन मुख्यमंत्री गए थे उससे 4-5 दिन पूर्व से कुछ गायों को लाकर रख दिया गया था। यह जमीन नगर निगम कभी वापिस नहीं ले सकता। शहर के महंगे भाग सरोजिनी नगर में स्थित है। इस भूमि की कीमत रु.1500 करोड़ से अधिक है। वास्तव में यह एक सरकारी मान्यता प्राप्त सरकारी भूमि पर मुलायम परिवार का प्रत्यक्ष कब्जा है। इसके कब्जे को कभी न हटाया जा सके, शायद इसी लिए मुख्यमंत्री को धोखे में रखकर भ्रमण कराया गया।