गोरखपुर में हर साल होती है करीब 500 बच्चों की मौत

नई दिल्ली। पूर्वी उप्र के गोरखपुर व आसपास के जिलों में इंसेफेलाइटिस का कहर 1978 से जारी है। हर साल आंदोलन होते है, इलाहाबाद हाईकोर्ट के कुछ साल पहले दिये आदेश के बाद टीकाकरण अभियान भी शुरू किया गया। डा. आरएन सिंह के मुताबिक इसके बावजूद हर साल लगभग 500 बच्चों की मौत हो जाती है। नेहरू अस्पताल में 1800 से 2300 बीमार बच्चे भर्ती होते है। इंसेफेलाइटिस का कहर धान की रोपाई और बारिश के साथ शुरू होकर नवंबर तक जारी रहता है।
इस वर्ष एक जनवरी से आठ अगस्त तक बीआरडी मेडिकल कालेज में इंसेफेलाइटिस के कुल 476 मरीज भर्ती हुए जिसमें से 448 बच्चे थे। आठ अगस्त तक मेडिकल कालेज में इंसेफेलाइटिस से मौतों की संख्या 124 हो गई है जिसमें 117 बच्चे थे। बीआरडी मेडिकल कालेज के अलावा गोरखपुर मंडल के चार जिलों के जिला अस्पतालों में भी इस बीमारी ने 10 लोगों की जान ले ली है। बीआरडी मेडिकल कालेज के अलावा गोरखपुर, महराजगंज, देवरिया और कुशीनगर के जिला अस्पतालों में इंसेफेलाइटिस के 314 मरीज भर्ती हुए जिसमें दस की मौत हो गई। इन जिलों के सीएचसी-पीएचसी पर 55 मरीज भर्ती हुए थे।