भाजपा ने मांगा यूपी सरकार से जवाब: हमीरपुर में क्यों चलायी गोली?

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विशेष संवाददाता
लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी ने सवाल करते हुए कहा कि हमीरपुर में प्रशासनिक अराजतकता चरम पर थी, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को विदेश से घटना को संज्ञान लेना पड़ा, किन्तु मुख्यमंत्री की स्वदेश से अनुपस्थिति पर निर्णय लेने की जिन पर जिम्मेदारी थी वे क्या कर रहे थे? प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक नेे सपा सरकार की कार्यशैली पर प्रश्न खड़े करते हुए कहा कि परस्पर अविश्वास और अनिर्णय की स्थिति राज्य की जनता पर भारी पड़ रही है, हमीरपुर में नियंत्रण के अन्य उपाय करने की बजाय न लाठी चलाई, न समझया, गोली चलाने का फैसला क्यों और किन परिस्थितियों में लिया गया। प्रवक्ता ने मजिस्ट्रीरियल जांच के मुख्यमंत्री के आदेश पर सवाल खडे करते हुए कहा कि बाराबंकी के कोठी प्रकरण में भी मजिस्ट्रीरियल जांच की अखिलेश यादव ने घोषणा की किन्तु बाद में जब जांच शुरू हुई तो सीबीसीआईडी जांच के आदेश हुए।
पार्टी मुख्यालय पर सोमवार को हमीरपुर प्रकरण पर अखिलेश सरकार को कटघरे में खडा करते हुए प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि राज्य में घट रही घटनाओं पर गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाने के कारण ही प्रदेश में अराजतकता का वातावरण है, जिससे जंगल राज की स्थिति वन गयी है। पुलिस जरा सी चैकन्नी होती तो एक छात्रा के सामने आत्मदाह की नौबत नही आती। हमीरपुर की जिलाधिकारी कह रही है कि भीड़ पर फायरिंग का आदेश एसडीएम का था। अब जिस मजिस्ट्रेटी जांच की बात हो रही है उसकीं जांच वही पर तैनात दूसरे एसडीएम करेगें। नदी में शव बहाना अनुचित ही नही आपराधिक कृत्य है पर यह आपराधिक कृत्य किया गया और आत्मदाह करने वाली छात्रा का शव जबरिया छीन कर यमुना में फेंक दिया गया। परिवार के लोगो को न्याय देने की बजाय बन्धक बनाया गया, मारपीट की गयी। यही नहीं पुलिस की गोली से मरने वाले रोहित पाण्डेय के शव को वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में यमुना में जल प्रवाह किए जाने के समाचार है।