जानिए क्या है राम रहीम का सच: पीडि़ता का खत

 

नई दिल्ली। यौन शोषण मामले में आरोपी डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह दोषी करार दिये गए हैं। पंचकूला की विशेष सीबीआई कोर्ट ने उन्हें दोषी करार दे दिया है। अब 28 अगस्त राम रहीम की सजा पर फैसला होगा। फिलहाल उन्हें कोर्ट से सीधे जेल ले जाया गया है। उधर, हरियाणा के सीएम ने फैसले से पहले ही बताया था कि जो भी फैसला हो हर स्थित से निपटने के लिए सुरक्षा व्यवस्था के लिए तैयार कर लिया गया है।
आप को बता दें कि इस पूरे मामले की शुरुआत एक गुमनाम खत से हुई थी। ये खत 13 मई 2002 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को लिखा था। इस खत में एक लडक़ी ने सिरसा डेरा सच्चा सौदा में गुरु राम रहीम के हाथों अपने यौन शोषण का वाकया बताया था।
अपने खत में पीडि़ता ने लिखा- मैं पंजाब की रहने वाली हूं और अब 5 साल से डेरा सच्चा सौदा सिरसा (हरियाणा, धन धन सतगुरु तेरा ही आसरा) में साधु लडक़ी के रूप में कार्य कर रही हूं। सैकड़ों लड़कियां भी डेरे में 16 से 18 घंटे सेवा करती हैं। हमारा यहां शारीरिक शोषण किया जा रहा है। साथ ही डेरा के महाराज गुरमीत सिंह द्वारा यौन शोषण (बलात्कार) किया जा रहा है। मैं बीए पास लडक़ी हूं। मेरे परिवार के सदस्य महाराज के अंध श्रद्धालु हैं, जिनकी प्रेरणा से मैं डेरे में साधु बनी थी।
साधु बनने के दो साल बाद एक दिन महाराज गुरमीत की प्रमाशया साधु गुरजोत ने रात के 10 बजे मुझे बताया कि महाराज ने गुफा (महाराज के रहने के स्थान) में बुलाया है। मैं क्योंकि पहली बार वहां जा रही थी, मैं बहुत खुश थी। यह जानकर कि आज खुद परमात्मा ने मुझे बुलाया है। गुफा में ऊपर जाकर जब मैंने देखा महाराज बेड पर बैठे हैं। हाथ में रिमोट है, बेड पर सिरहाने की ओर रिवॉल्वर रखा हुआ है।
मैं ये सब देख कर हैरान रह गई, मेरे पांव के नीचे की ज़मीन खिसक गई। यह क्या हो रहा है। महाराज ऐसे होंगे, मैंने सपने में भी नहीं सोचा था। महाराज ने टीवी बंद किया व मुझे पास बैठने को कहा, उन्होंने बोला मैंने तुम्हें अपनी खास समझकर बुलाया है। मैं ये सब देख कर हैरान रह गई, मेरे पांव के नीचे की ज़मीन खिसक गई।