कैबिनेट विस्तार: मंत्री पद को लेकर चल रहा प्रेशर गेम

 

नई दिल्ली। मोदी सरकार के रविवार को होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार से पहले क्या बीजेपी और उसके नए-नए सहयोगी जेडीयू के बीच खींचतान शुरू हो गई है? इन अटकलों को उस वक्त बल मिला, जब जेडीयू की ओर से कहा गया कि उन्हें मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कोई न्योता नहीं मिला है। खास बात यह है कि अभी तक जेडीयू के दो सांसदों का मंत्री बनना तय माना जा रहा था। बता दें कि मंत्रिमंडल के चेहरों पर रजामंदी बनाने के लिए दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के घर पर शनिवार दोपहर एक मीटिंग भी हुई।
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि बीजेपी और जेडीयू के बीच कोई गतिरोध नहीं है। यह बस जेडीयू की ओर से प्रेशर पॉलिटिक्स भर है। जेडीयू चाहता है कि उसे कम से कम दो मंत्री पद मिलें। वहीं, बीजेपी उसे बस एक पद देना चाहती है। दबाव दोनों ही पार्टियों पर है। सीएम नीतीश कुमार मानते हैं कि बिहार में जेडीयू केंद्र की सत्ताधारी बीजेपी का सबसे बड़ा साझीदार है, इसलिए पासवान की लोकजनशक्ति पार्टी और उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएसपी के केंद्र में एक मंत्री होने के मुकाबले उसका हक ज्यादा बनता है।
वहीं, बीजेपी को डर है कि कहीं संख्याबल के आधार पर जेडीयू को दो पद देने के बाद शिवसेना और कुछ अन्य पार्टियां भी उससे और पदों के लिए मोलभाव न करने लगें। हालांकि, सूत्रों का यह भी कहना है कि नीतीश खामोशी से पूरे मामले पर नजर रख रहे हैं। आखिर में वह एक सीट पर भी अपनी रजामंदी दे देंगे। ऐसे में जेडीयू नेता आरसीपी सिंह का मंत्री बनना तय माना जा रहा है।