सपा का आरोप: विपक्ष की आवाज दबा रही है बीजेपी

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा है कि लोकतंत्र बिना विपक्ष कल्पना से परे हैं किन्तु इन दिनों तो असहमति की आवाज को कुचलने की ही साजिशें हो रही हैं। संविधान की मंशा के विपरीत सश्रा शासन द्वारा रागद्वेष की भावना से काम करने में कोई संकोच नहीं हो रहा है। स्थिति यह है कि कोई अपनी पीड़ा बताना भी चाहे तो सुनने वाला कोई नहीं है। भाजपा राज में अभी 6 महीने ही हुए हैं लेकिन पूरे प्रदेश में असंतोष व्याप्त हो चला है। यहां छात्र हो या शिक्षक, महिलाएं हों या व्यापारी उनकी समस्याओं का कोई समाधान नहीं है। उल्टे उन्हें प्रताडऩा का शिकार बनाया जाता है। शिक्षकों पर लाठी चार्ज, लखनऊ-इलाहाबाद के निर्दोष छात्रों को जेल यातना, किसानों के हितों की उपेक्षा इससे लोगों में गुस्सा है। गोरखपुर से लेकर फर्रूखाबाद तक मासूम बच्चों की मौत पर भी शासन-प्रशासन के शीर्ष पर बैठे माननीयों का दिल नहीं पसीजता है। विरोध में नारे लगाना, कालाझण्डा दिखाना या धरना प्रदर्शन अहिंसात्मक तरीका जनता का लोकतांत्रिक अधिकार है। इसे सश्रारूढ़ दल गैरकानूनी मानकर दंडित करना चाहता हैं लोकतांत्रिक व्यवस्था में संकीर्णता के लिए कोई स्थान नहीं हो सकता हैं उसमें अधिकारों का विकेन्द्रीकरण होता हैं। प्रदेश में प्रशासनिक व्यवस्था तो पहले से लचर थी ऊपर से सरकार के व्यवहार से हालात और बिगड़ते जा रहे हैं। राज्य में फर्जी केसो में विपक्षियों को फंसाया जा रहा है। राज्य सरकार उत्पीडऩ की कार्यवाही को बढ़ावा दे रही हैं। जब बुलडोजर चलाने का एलान होता हैं और शठे शाठ्यं वाली भाषा बोलते हैं तो अराजकता को ही आमंत्रण हैं। फिर कानून का राज कहां रह जायेगा? शायद लोकतंत्र भाजपा नेतृत्व को पसंद नहीं आता है तभी वे विपक्ष के सबसे सबल दल समाजवादी पार्टी और उसके नेताओं के बारे में बोलते वक्त अपनी सभी मर्यादाएं भूल जाते हैं। पाप की कमाई से किसानों का कर्जा जोडऩे वाली भाषा शैली पूर्णतया अवांछनीय है। इससे सामाजिक सद्भाव और राजनीतिक मूल्यों का ह्नास होता है।