संस्था की मांग: दान में न दिये जायें गजराज

 

तिरुवनंतपुरम। पशु अधिकारों के लिए अभियान चलाने वाली संस्था हेरिटेज एनिमल टास्क फोर्स केरल के मंदिर में एक हाथी को दान में दिए जाने के प्रस्ताव के खिलाफ खड़ी हो गई है। उसने इसे उच्चतम न्यायालय के आदेश का उल्लंघन बताया है। इस संस्था ने पर्यावरण और वन मंत्रालय की ‘हाथी परियोजना’ के महानिरक्षक और निदेशक को एक पत्र लिखकर इस ‘गैरकानूनी ’ पेशकश की जांच करने के लिए उनसे तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग की है। अभियान चलाने वाली संस्था ने इससे जुड़े सर्वोच्च न्यायालय के एक आदेश की प्रतिलिपि भी पत्र के साथ संलग्न की है। पत्र के मुताबिक, कोल्लम जिले के असरामम श्री कृष्ण मंदिर की परामर्श समिति मंदिर परिसर में एक कार्यक्रम आयोजित कर रही है जिसमें 12 सितंबर को एक व्यक्ति द्वारा मंदिर को हाथी दान में दिया जाएगा। संस्था ने आरोप लगाया है कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के मुताबिक, राज्य सरकार ने किसी मंदिर, व्यक्ति या संस्था या पूजा के अन्य स्थानों के नाम पर किसी भी हाथी से जुड़ा नया स्वामित्व प्रमाणपत्र देने का कानूनी अधिकार खो दिया है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, राज्य सरकार ने भी एक आदेश जारी किया है जिसके तहत हर किसी को हाथी को किसी भी वैधानिक कंपनी या व्यक्ति को दान करने से जुड़े विभिन्न नियमों का पालन करना होगा। हेरिटेज एनिमल टास्क फोर्स के सचिव,वी.के. वेंकिटाचलम ने पत्र में कहा है कि हाथी के अवैध दान के वर्तमान मामले में इन सभी नियमों का दानकर्ता ने पालन नहीं किया है।