योगी के लिए दागी अच्छे हैं: आईपीएस पर घूसखोरी का आरोप

 

लखनऊ । यूपी पुलिस के चेहरे पर लगे दाग को धोने के लिए आला अफसर तैयार नहीं है। यूपी के चर्चित आईजी द्वारा एक आतंकी को छोडऩे के एवज में एक करोड़ की घूस मांगने और 50 लाख लेने की शिकायत के बावजूद आला अफसर उन्हें बचाने में जुटे हैं। जब पंजाब पुलिस ने यूपी के आला अफसरों को आतंकियों की बातचीत की रिकार्डिंग सौंपी तब इसका खुलासा हुआ। इस खबर के टीवी पर चलने के बाद पूरे प्रदेश में हडक़ंप मच गया। कोई सोच भी नहीं सकता था कि आईजी स्तर का अधिकारी इस तरह एक आतंकी को छोडऩे के एवज में लाखों की घूस मांग सकता है। सबसे बड़ा दुर्भाग्य यह है कि 24 घंटे बाद भी इस आईजी पर कार्रवाई तो दूर उसे पद से भी नहीं हटाया गया।
आईजी के घूस लेने की खबर ने भले ही देश भर में हंगामा मचाया हो, सीएम नाराज हुए हों लेकिन अफसर मामले को कैसे टाल रहे है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि चौबीस घंटे बाद भी यह तय नहीं हो सका है कि इसकी जांच कौन अफसर करेगा। प्रमुख सचिव गृह ने कल कहा था कि एडीजी स्तर के अफसर इसकी जांच करेंगे पर कौन एडीजी हो यह तय करने में अफसरों को पसीने आ रहे हैं। दरअसल जिस आईजी का नाम सामने आ रहा है वह डीजीपी के बेहद दुलारे बताये जा रहे हैं। यही कारण है कि किसी ऐसे एडीजी के नाम की तलाश हो रही है जो मामले को रफा-दफा कर दे। मालूम हो कि आईजी एसटीएफ अमिताभ यश ने आज एनेक्सी में उच्चाधिकारियों से मुलाकात के बाद अपना पक्ष रखा।