स्वच्छ भारत: शौचालय निर्माण में यूपी बना 1 नम्बर

 

लखनऊ। यूपी के 6 जनपद शामली, बिजनौर, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ एवं गौतमबुद्ध नगर तथा 13,092 ग्राम (खुले में शौचमुक्त) ओ0डी0एफ0 घोषित हुये। उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय स्तर पर व्यक्तिगत शौचालय निर्माण की तुलनात्मक प्रगति में 14,88,948 व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण कराकर प्रथम स्थान हासिल किया है। देश के 34 राज्यों में 11009798 व्यक्तिगत शौचालयों के निर्माण में उत्तर प्रदेश में 14,88,948, मध्य प्रदेश में 14,36,642 एवं राजस्थान में 12,42,374 व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण कराकर राष्ट्रीय स्तर पर क्रमश: प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त किया है। स्वच्छता ही सेवा अभियान के अन्तर्गत विगत 15 सितम्बर से 02 अक्टूबर तक उत्तर प्रदेश में 3,52,950 शौचालयों का निर्माण कराकर भी उत्तर प्रदेश ने देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है।   मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) अभियान के अन्तर्गत प्रदेश के जनपदों को ओ0डी0एफ0 किये जाने हेतु विभागीय अधिकारियों की बैठक कर आवश्यक निर्देश दे रहे थे। उन्होंने निर्देश दिये कि प्रदेश में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को खुले में शौच से मुक्त करने हेतु जनपदवार सर्वे कराकर निर्माण श्रमिकों के लिये शौचालयों का निर्माण कराया जाये। उन्होंने प्रदेश के गंगा किनारे स्थित 25 जनपदों के 1605 ग्रामों में 3 लाख 98 हजार शौचालयों का निर्माण कराकर वर्तमान वर्ष में ओ0डी0एफ0 कराये जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुये निर्देश दिये हैं कि प्रदेश के अन्य ग्रामों एवं नगर निकायों को भी ओ0डी0एफ0 घोषित कराने हेतु आवास विकास, श्रम, ग्राम्य विकास एवं सम्बन्धित विभाग भी अपनी संचालित योजनाओं के अन्तर्गत चिन्हित आवश्यक स्थानों पर शौचालयों का निर्माण प्राथमिकता से कराना सुनिश्चित करायें।  बैठक में अपर मुख्य सचिव, पंचायती राज श्री चंचल कुमार तिवारी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2016-17 में वित्तीय वर्ष के प्रारंभ से माह सितम्बर, 2016 तक 1,640 ग्राम ओ0डी0एफ0 घोषित हुये थे जबकि वित्तीय वर्ष 2017-18 में उक्त अवधि में विगत वर्ष की तुलना में चार गुने से अधिक लगभग 6,965 ग्रामों को ओ0डी0एफ0 घोषित कराया गया है। उन्होंने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अन्तर्गत खुले में शौच मुक्ति हेतु सामुदायिक प्रेरण के कार्य के लिये प्रदेश के प्रत्येक जनपद में सी0एल0टी0एस0 विधा पर स्वच्छाग्रहियों का चयन एवं प्रशिक्षण प्रदान कर व्यवहार परिवर्तन हेतु ग्रामों का स्वामित्व दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा प्रदेश में सामुदायिक प्रेरण हेतु गत वर्ष तक 45 बैचो में 3,425 स्वच्छाग्रही ही तैनात किये गये थे किन्तु इस वित्तीय वर्ष में अब तक लगभग 26 हजार अतिरिक्त स्वच्छाग्रहियों को प्रशिक्षित कर ग्राम का स्वामित्व दे दिया गया है, जिसे निकट भविष्य में 50 हजार किया जाना लक्षित है। उन्होंने बताया कि यह प्रशिक्षण राज्य स्तर पर गठित स्टेट रिसोर्स ग्रुप (एस.आर.जी.) के माध्यम से आयोजित कर मास्टर ट्रेनर तैयार किये जा रहे हैं तथा उक्त मास्टर ट्रेनर के माध्यम से जनपद स्तर पर स्वच्छाग्रहियों हेतु सी0एल0टी0एस0 विधा पर प्रशिक्षित करने की कार्यवाही की जा रही है और अभी तक 200 से अधिक बैच में प्रशिक्षण कार्य सम्पन्न किया जा चुका है इस रणनीति से स्वच्छाग्रहियों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है।