गुजरात चुनाव की तारीखों पर चुनाव आयोग की सफाई

 

 

नई दिल्ली। मुख्य चुनाव आयुक्त अचल कुमार जोती ने गुजरात और हिमाचल दोनों राज्यों के चुनाव एक साथ नहीं करवाने के पीछे कई वजहें बताई हैं। न्यूज एजेंसी से बातचीत में सोमवार को अचल कुमार जोती ने कहा कि हिमाचल प्रदेश प्रशासन और राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग से मांग की थी कि मध्य नवंबर से पहले चुनाव करवाएं जाएं। उन्होंने कहा कि यह मांग इस पहाड़ी राज्य के तीन जिलों में बर्फबारी शुरू होने की आशंका की वजह से की गई थी।
जोती ने हिमाचल प्रदेश में मतगणना देर से करवाने की वजह बताते हुए कहा कि नतीजों से गुजरात में होने वाली वोटिंग पर असर पड़ सकता था। जोती ने गुजरात चुनाव देर से करवाने की वजह बताते हुए कहा कि हिमाचल और गुजरात एक दूसरे से सटे राज्य नहीं हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव हमेशा यह सुनिश्चित करता है कि अगर पड़ोसी राज्यों में एक साथ चुनाव हो रहे हों तो एक राज्य में होने वाली वोटिंग का असर दूसरे राज्य पर न पड़े।
इस वजह से हिमाचल प्रदेश में मतगणना 18 दिसंबर को करवा रहे हैं और गुजरात चुनाव की तारीखें इस तरह से रखी जाएंगी कि वहां वोटिंग 18 दिसंबर से पहले हो जाए। इससे हिमाचल प्रदेश के चुनाव नतीजों का असर गुजरात में होने वाली वोटिंग पर नहीं पड़ेगा।
जोती ने कहा कि गुजरात में सरकारी कर्मचारी बाढ़ राहत कार्यों में लगे हुए हैं। इन्हीं कर्मचारियों को चुनाव भी करवाना है। ऐसे में बिना राहत कार्य के खत्म हुए इन कर्मचारियों को चुनाव कार्य में लगाना संभव नहीं होता। चुनाव की तारीखों की घोषणा होने पर चुनाव अचार संहिता इन कर्मचारियों पर भी लागू होती और उन्हें राहत कार्य छोडक़र चुनाव की ड्यूटी में लगना पड़ता।