प्रॉपर्टी बेंच 25 हजार करोड़ कमायेगी रेलवे

 

 

नई दिल्ली। भारतीय रेलवे देशभर में मौजूद पॉश इलाकों की रिहायशी प्रॉपर्टी से कमाई कर सकता है। इससे उसे 20,000 से 25,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त रेवेन्यू हासिल हो सकता है। रेलवे के पास सभी अहम शहरों में रियल एस्टेट प्रॉपर्टी है। उसके पास मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई और पुणे में मुख्य जगहों पर जमीन के अलावा दिल्ली के कनॉट प्लेस, निजामुद्दीन और चाणक्यपुरी में रिहायशी प्रॉपर्टी हैं। रेलवे बोर्ड के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि रेलवे की योजना अपनी रियल एस्टेट प्रॉपर्टी को डिवेलपर्स को 99 साल के लीज पर देने की है।
रेलवे मिनिस्ट्री ने अपने सभी 17 जोनल ऑफिसों को ऐसी रिहायशी जमीन की डिटेल्स इक_ा करने को कहा है, जिसे नए सिरे से डिवेलप कर निवेशकों को ऑफर किया जा सकता हो। रेलवे के पास 44,000 हेक्टेयर जमीन थी, जिनमें से 950 हेक्यटेयर पर अतिक्रमण है। कमर्शल डिवेलपमेंट के लिए रेलवे के रियल एस्टेट के इस्तेमाल के प्लान पर काम सुरेश प्रभु के रेल मंत्री रहने के दौरान शुरू हुआ था। पीयूष गोयल के रेल मंत्रालय संभालने के बाद इस प्रोजेक्ट पर फिर से दिलचस्पी लेकर काम किया जा रहा है।
अधिकारी ने बताया, हमारे पास देशभर में बड़े पैमाने पर रिहायशी कॉलोनियां हैं। रेलवे बिल्डर्स के जरिये इन जमीन पर मल्टी-स्टोरी बिल्डिंग और टावर बनाकर इसे रीडिवेलप कर सकता है। रेलवे को जिस जमीन और बिल्डिंग की जरूरत होगी, उसे अलग कर रखा जा सकता है। बाकी को लीज पर दिया जा सकता है।गोयल ने भी रीडिवेलपमेंट और रेलवे की जमीन से कमाई करने में दिलचस्पी दिखाई है। पिछले महीने गोयल ने इस सिलसिले में रियल एस्टेट कंपनियों के साथ बैठक की थी। रेलवे नैशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (एनबीसीसी) के मॉडल पर विचार कर रहा है। एनबीसीसी सरकार कॉलोनियों को रीडिवेलप कर वहां ऊंची इमारतें और कमर्शल कॉम्प्लेक्स बना रही है और इस प्रॉपर्टी का एक हिस्सा प्राइवेट पार्टी को दे रही है। साथ ही, कुछ यूनिट्स को सरकारी इस्तेमाल के लिए रखा जा रहा है।