पाटीदारों को लेकर उलझी कांग्रेस: मिला अल्टीमेटम

 

विशेष संवाददाता, अहमदाबाद। कांग्रेस जिन पाटीदारों के बल पर गुजरात विधानसभा चुनावों में भाजपा को घेरना चाह रही थी, अब उन्हीं पाटीदारों को लेकर कांग्रेस घिरती नजर आ रही है। पाटीदारों को आरक्षण के मुद्दे पर पार्टी का रुख साफ नहीं हो पा रहा है। दिल्ली पहुंचे पाटीदारों के एक गुट की आलाकमान से मुलाकात नहीं हो पाने पर जहां पाटीदारों ने अपनी उपेक्षा के आरोप लगाए हैं। वहीं भाजपा द्वारा अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर देने के बाद अब गुजरात में पाटीदार नेताओं ने कांग्रेस पार्टी को पटेल आरक्षण पर अपना रुख साफ करने के लिए 24 घंटे का अल्टीमेटम दे डाला है। पाटीदार नेताओं ने साफ कर दिया है कि अगर कांग्रेस ने उनकी मांगों पर गौर नहीं किया तो पूरा पटेल समाज कांग्रेसी उम्मीदवारों को वोट नहीं देगा। इस सब के चलते अब कांग्रेस अपने बिछाए जाल मे खुद की घिरती नजर आ रही है।
असल में दो दशक से ज्यादा समय तक गुजरात की सत्ता से बाहर कांग्रेस ने राज्य में वापसी के लिए एक बड़ा दांव खेलते हुए पटेल समुदाय के आंदोलन का समर्थन कर दिया था। इसके बाद कांग्रेस ने गुजरात में भाजपा को घेरने के लिए आरक्षण आंदोलन से उभरे युवा पाटीदार नेता हार्दिक पटेल को भी समर्थन देना शुरू कर दिया। इस दांव से कांग्रेस ने भाजपा के लिए परेशानी तो खड़ी की लेकिन अब यही दांव कांग्रेस पर भारी पड़ रहा है। असल में पटेल आरक्षण की पाटीदारों की मांग को लेकर कांग्रेस आलाकमान पूरी तरह से सहज नहीं है। यही कारण है कि शुक्रवार को दिल्ली पहुंचे पाटीदार नेताओँ और कांग्रेसी आलाकमान के बीच मुलाकात नहीं हो पाई।इस सब के चलते जहां दिल्ली आए पाटीदार नेताओं ने अपनी उपेक्षा के आरोप लगाए हैं, वहीं गुजरात में पाटीदार नेताओं ने अब कांग्रेस को गुजरात चुनाव से पहले 24 घंटे का अल्टीमेटम दे दिया है। पाटीदार नेताओं का कहना है कि अगर आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस ने अपना रुख साफ नहीं किया तो वह विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के किसी उम्मीदवार के पक्ष में मतदान नहीं करेंगे। साथ ही लोगों से कांग्रेस को वोट देने की अपील भी करेंगे।
इस सब के बाद अब साफ हो गया है कि कांग्रेस ने जिन पाटीदारों को भाजपा को घेरने के लिए समर्थन दिया था अब वही पाटीदार नेता पार्टी के लिए गले की फांस बन गए हैं। पाटीदारों के साथ ही राज्य में दलित और ओबीसी समुदार के भी कुछ नेता इस समय कांग्रेस के समर्थन में खड़े दिखाई दे रहे है। ऐसे में पाटीदारों का अल्टीमेटर इन नेताओं की मनोदशा को भी प्रभावित कर रहा है। हाल में हार्दिक पटेल के करीब रहे और पाटीदार आंदोलन के नेता ने भाजपा का दामन थाम लिया है। बहरहाल, अब सब कुछ कांग्रेस के रुख पर निर्भर करेगा। अगर कांग्रेस आरक्षण मुद्दे पर चल रही माथापच्ची से पार आकर इस मुद्दे को सुलझाने में सफल होती है, तो कांग्रेस को कुछ राहत मिल सकती है, नहीं तो पिछले 22 सालों से सत्ता से दूर कांग्रेस का इस बार भी सत्ता के लिए सोच पाना काफी कठिन हो जाएगा।