अब सरकार बनवायेगी राम-कृष्ण परिपथ

नयी दिल्ली। सरकार ने आज कहा कि पर्यटन मंत्रालय ने भगवान राम और कृष्ण के जीवनवृत्त से जुड़े पौराणिक स्थलों को पर्यटन केन्द्रों के रूप में विकसित करने के लिये शुरू की गयी स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत रामायण और कृष्ण परिपथ बनाने की पहल की है।
केन्द्रीय पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के जे अल्फोंस ने आज एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को बताया कि रामायण तथा कृष्ण परिपथ के तहत उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान, महाराष्ट्र, तेलंगाना और तमिलनाडु में राम और कृष्ण से जुड़े स्थानों की पहचान की गयी है। इनमें रामायण परिपथ के अंतर्गत उत्तर प्रदेश में अयोध्या, नंदीग्राम, श्रृंग्वेरपुर और चित्रकूट, बिहार में सीतामढ़ी, बक्सर और दरभंगा, उड़ीसा में महेन्द्रगिरि, छत्तीसगढ़ में जगदलपुर, महाराष्ट्र में नासिक और नागपुर, तेलंगाना में भद्राचलम, कर्नाटक में हंपी तथा तमिलनाडु में रामेश्वरम को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि कृष्ण परिपथ के तहत उत्तर प्रदेश में मथुरा, वृंदावन, गोकुल, बरसाना, नंदगांव एवं गोवर्धन, गुजरात में द्वारका, हरियाणा में कुरुक्षेत्र, राजस्थान में नाथद्वारा, जयपुर एवं सीकर तथा उड़ीसा में पुरी को शामिल किया गया है। अल्फोंस ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत राम और कृष्ण से जुड़ी पौराणिक कथाओं का चित्रण करने वाले ‘थीमेटिक परिपथ’ बनाये जा रहे हैं।इसके अंतर्गत उत्तर प्रदेश में रामायण परिपथ के लिये साल 2016-17 में चित्रकूट तथा श्रृंग्वेरपुर और अयोध्या में साल 2017-18 में थीमेटिक परिपथ बनाने के लिये क्रमश: 69.45 करोड़ रुपये और 133.31 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये हैं। वहीं कृष्ण परिपथ के तहत हरियाणा के कुरुक्षेत्र में महाभारत से जुड़े स्थलों पर पर्यटन सुविधाओं के लिये 97.35 करोड़ रुपये और राजस्थान के जयपुर में गोविंद देवजी मंदिर, सीकर में खाटूश्याम और राजसमंद में नाथद्वारा के एकीकृत विकास के लिये 91.45 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये हैं।अल्फोंस ने बताया कि इन सभी योजनाओं पर काम चल रहा है और इनके अंतर्गत स्वीकृत परियोजनाओं की आरंभिक अवधि 18 से 36 माह नियत की गयी है। इस बीच उन्होंने स्पष्ट किया कि सीता परिपथ के विकास हेतु मंत्रालय को कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि स्वदेश दर्शन योजना के तहत राम और कृष्ण परिपथ के अलावा 13 तीर्थ स्थलों में थीम आधारित परिपथ विकसित किये जायेंगे। इनमें पूर्वोत्तर परिपथ, बौद्ध परिपथ, हिमालयन परिपथ, तटवर्ती परिपथ, मरुस्थल परिपथ, वन्यजीव परिपथ, जनजातीय परिपथ, ग्रामीण परिपथ, आध्यात्मिक परिपथ, विरासत परिपथ, सूफी परिपथ और तीर्थंकर परिपथ शामिल हैं।इसके अलावा राष्ट्रीय स्तर पर तीर्थस्थल जीर्णोद्धार तथा आध्यात्मिक विरासत संवद्र्धन अभियान के लिये प्रसाद योजना भी शुरू की गयी है। इसके तहत 25 शहरों में चिन्हित स्थलों को पर्यटन सुविधाओं से लैस किया जायेगा।