नायडू उवाच: योग से मिल सकता है स्वस्थ जीवन

मुंबई। उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने आज कहा कि आधुनिक समय में योग स्वस्थ जीवन जीने का एकमात्र तरीका है और इसका किसी विशेष धर्म से कोई लेना-देना नहीं है ।
सांता क्रूज में ‘दि योगा इंस्टीट्यूट’ के शताब्दी समारोह के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नायडू ने कहा, ‘‘आज की गतिहीन जीवनशैली, जिसमें हमें शारीरिक व्यायाम के लिए मुश्किल से वक्त मिलता है, में योग ऐसा जरिया है जिसके जरिए हम शारीरिक और मानसिक रूप से अपने आपको चुस्त-दुरुस्त रख सकते हैं। ’’ उप-राष्ट्रपति ने कहा कि योग आधुनिक दुनिया को भारत का तोहफा है और योग को हिंदू धर्म से जोडऩे वाले लोगों को जानना चाहिए कि हिंदुत्व जीवन का एक तरीका है ।
नायडू ने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से कुछ लोग योग को एक खास धर्म से जोड़ते हैं। योग का धर्म से कोई लेना-देना नहीं है, यह एक विज्ञान है कि किस तरह शांतिपूर्ण जीवन जिएं।’’ उन्होंने तीन पीढ़ी से दुनिया भर में योग को बढ़ावा देने और कई योग प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए संस्थान की सराहना की। नायडू ने कहा कि आज के समाज में कुछ बुराइयां प्रवेश कर गयी है और इन सबसे मुकाबले के लिए विषय के तौर पर स्कूलों में नैतिक शिक्षा को लाए जाने की जरूरत है । वेंकैया नायडू ने कहा, ‘‘आज के समाज में देखिए क्या हो रहा है। तीन-चार साल की बच्चियों के साथ दुष्कर्म हो रहा है। हमारी (पुरानी) शिक्षा व्यवस्था में हम प्राथमिक स्कूलों में मर्यादा और परंपरा के बारे में सीखते थे। हमारे स्कूलों में उन दिनों नैतिक शिक्षा पढ़ाई जाती थी। नैतिक शिक्षा को फिर से लाने की जरूरत है।’’