नेपाल से लेकर पूर्वी उप्र तक के गरीब हिंदू, ईसाई मिशनरियों के निशाने पर

इलाज और रूपये के लालच में हो रहें है धर्म परिर्वतन
नई दिल्ली नवंबर। उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की निजी वेब साइट योगीआदित्यनाथ डॉट इन में सबसे पहले लिखा है- ‘जब सम्पूर्ण पूर्वी उत्तर प्रदेश जेहाद, धर्मान्तरण, नक्सली व माओवादी हिंसा, भ्रष्टाचार तथा अपराध की अराजकता में जकड़ा था उसी समय नाथपंथ के विश्व प्रसिद्ध मठ श्री गोरक्षनाथ मंदिर गोरखपुर के पावन परिसर में शिव गोरक्ष महायोगी गोरखनाथ जी के अनुग्रह स्वरूप माघ शुक्ल 5 संवत् 2050 तदनुसार 15 फरवरी सन् 1994 की शुभ तिथि पर गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ जी महाराज ने अपने उत्तराधिकारी योगी आदित्यनाथ जी का दीक्षाभिषेक सम्पन्न किया।’
इन्ही योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री रहते के उनके प्रभाव वाले पूर्वी उप्र में ललच देकर धर्मांतरण की घटनाएं बढ़ती जा रही है। गरीबी और बीमारी से परेशान पूरा इलाका इसाई मिशनरियों के निशाने पर है। जौनपुर में नेवढ़िया के पूरे गांव सहित हजारों लोगों को ईसाई धर्म में दीक्षित करने के बाद बिहार से सटे गाजीपुर के लहुरीकाशी के गांवों में 42 परिवार सनातन धर्म त्यागकर ईसाई बन गए है। इनमें क्षत्रीय जाति के परिवार भी है। आरोप है कि जल्दीपुर, नेवादा ओर बिझवल में 30 और बहरियाबाद में 12 परिवारों ने धर्म परिर्वतन कर लिया। इलाज, रूपये और नौकरी की लालच में इन लोगों ने धर्म परिर्तन किया है। खानपुर थाने की पुलिस ने बिझवल के प्रमुख प्रचारक गुड्डू राम को हिरासत में लिया है।
गुड्डू राम ने बताया कि पहले वह जौनपुर स्थित चंदवक के भूल्लनपुर में प्रार्थना सभा में जाते थे। दूरी ज्यादा होने के कारण महिलाएं नहीं जा पाती थी। वहां प्रदेश सरकार ने प्रार्थना सभा बंद करवा दी गई। इसके बाद ईसाई धर्म प्रचारकों से बात करके ‘फादर फास्टर’ के नेतृत्व में अपने गांव में ही प्रार्थना सभा शुरू कर दी। यहां भी प्रत्येक रविवार को प्रार्थना सभा होने लगी। धीरे-धीरे लोगों की संख्या बढने लगी तो मुफ्त दवा व इलाज समेत अन्य प्रलोभन के लालच में लोगों ने धर्म परिवर्तन करना शुरू कर दिया। ईसाई बनने वाले परिवारों में अनुसूचित जाति, पाल, राजभर, यादव, मुसहर के साथ दो क्षत्रिय परिवार भी शामिल है। इन सभी को ईसाई धर्म प्रचारकों ने पैसे का लालच देकर धर्म परिवर्तन करवा दिया है।
गाजीपुर के डीएम के बालाजी का कहना है कि खानपुर और बहरियाबाद में कई परिवारों के धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया है। उनके प्रार्थना सभाओं में जाने की प्रशासन की टीम जांच कर रही है। थानों के एसओ को दबिश देकर दोषियों को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए गए हैं। उन सभी के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी। उन्होने कहा कि पिछले दिनों जौनपुर जिले के चंदवक क्षेत्र में धर्म परिवर्तन का मामले से गाजीपुर का मामला जुड़ा हो सकता है. ऐसे में पूरे मामले की गंभीरता से जांच और कार्यवाई के आदेश दिए गए हैं
ध्यान रहें कि गाजीपुर व जौनपुर प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से लगा हुआ है। वाराणसी के गांवों में भी गुपचुप तरीके से चंगई सभाओं से धर्म परिर्वतन किये जा रहें है। वाराणसी के बड़ागांव थाना क्षेत्र के दल्लीपुर गांव में हो रहे धर्म परिवर्तन की शिकायत प्रशासन को मिली थी। एसडीएम पिंडरा डॉ एनएन यादव तथा सीओ बड़ागांव प्रीति त्रिपाठी व इंस्पेक्टर बड़ागांव महेश पांडे ने आरोपी भैया लाल से पूछताछ की। डा.यादव ने बताया कि भैया लाल ने स्वीकार किया कि वह ईसाई धर्म को मानता है और हर रविवार व मंगलवार को टेंट लगाकर कैम्प का आयोजन भी करता है। कैंप में क्षेत्र के लोग अपनी सहमति से आते हैं और ईसाई धर्म के विचार को सुनते हैं और उसे अपनाते भी हैं, कही कोई जोर जबरदस्ती मेरी तरफ से नही की जाती है।

हिन्दू धर्म के वेदों के सहारे धर्मांतरण का खेल

ईसाई मिशनरियां बेहद चालाक है। पादरी अपने नाम के साथ स्वामी जोड़ते है, चर्च में गायत्री मंत्री के साथ प्रवेश कर ईसाई धर्म में दीक्षित करते है। मिशनरियों की एक वेब साइट में कहा गया है। ‘‘यीशु सभी लोगों के लिए स्वयं का बलिदान देने के लिए आया। यही सन्देश प्राचीन ऋग्वेद के भजनों में प्रतिछाया स्वरूप और साथ ही साथ प्रतिज्ञाओं में और प्राचीन इब्रानी वेदों में मिलता है। यीशु उस प्रश्न का उत्तर है जिसे हम प्रत्येक बार उच्चारित की गईप्ररथा स्नाना (या प्रतासना) मंत्र की प्रार्थना के समय पूछते हैं। ऐसे कैसे हो सकता है? बाइबल (वेद पुस्तक) कर्मों की एक ऐसी व्यवस्था की घोषणा करती है जो हम सभी को प्रभावित करती है।’’

पूर्वी उप्र ही नही नेपाल भी धर्मांतरण की जबर्दस्त गिरफ्त में

इसाई मिशनरिया जबर्दस्त तरीके से नेपाल में धर्मांतरण करने में जुटी है। नेपाल से आकर लखनऊ व आसपास के शहरों में मोमो, मैक्रोनी, चाउमीन बनाने वाले नेपाली ठेलों पर काम रहे युवकों से बात करें तो साफ जानकारी मिलती है कि बड़ी संख्या में धर्मांतरण हो रहा है। नेपाल से आकर चायनीज फूड का कारोबार करने वाले हरी प्रसाद का कहना है कि उनका पूरा परीवार ईसाई हो गया है जब वह नेपाल के अपने शहर नवलपरासी जाएगा तो वह भी ईसाई हो जाएगा। आर्य समाज से जुड़े अरविंद चतुर्वेदी का कहना है कि नेपाल और पूर्वी उप्र में धर्मांतरण को लेकर कभी गोरखनाथ मंदिर के महंत योगी आदित्यनाथ खूब हंगामा करते थे। अब मुख्यमंत्री है तो मौन है, उनकी आंखों के सामने जबर्दस्त धर्मांतरण हो रहा है।